.
राज्यवार रिपोर्टें
रमन सरकार के क्रूर दमन का शिकार हुर्रे : गर्भवती आदिवासी महिला को बंदूक के बट से मार डाला
तामेश्वर सिन्हा
छत्तीसगढ़; यहाँ जान से जाना आम बात है, आदिवासियों की जिंदगी की कोई अहिमियत नही समझती सरकार और ये आदिवासी नेता सब जान कर भी अनजान बने हुये है। बस्तर में सरकार और नक्सलियों के बिच हिंसा का युद्ध छिड़ा हुआ है कब, कौन निर्दोष बेगुनाह आदिवासी किसकी गोली का शिकार हो जाये कहा नही जा सकता। जब चाहे, जिसे चाहे नक्सल मोर्चे पर तैनात…
और पढ़े...
भोपाल गैस कांड अपील : व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर एक लाख हस्ताक्षर जुटाने में मदद…
अपील पर यहां हस्ताक्षर करें
अपील पर यहां हस्ताक्षर करें
दिसंबर 1984 में भोपाल-स्थित डाव-कार्बाइड फैक्टरी में…
इसे सूखा नहीं, सामूहिक नरसंहार कहिए !
स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने सूखा, पलायन, भूखमरी और किसानों की आत्महत्या से पस्त बुंदेलखंड से लोट कर…
अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की बलि चढ़ते आदिवासी
1992 में अल्ट्राट्रेक सीमेंट फैक्ट्री लगने के बाद से ही यहां पर लगातार खनन का कार्य चल रहा है जिससे स्थानीय लोगों के हाथ से जल, जंगल और ज़मीन भी निकल गई । इस क्षेत्र में 80 फीसदी चूने की खदानें हैं। सीमेंट बनाने वाली फ़ैक्टरी ने चट्टानों को खोदकर ज़मीन को ऐसा बर्बाद किया है कि बाँध में पानी कम पड़ गया और खेत और पशुओं को पानी पिलाना मुश्किल…
और पढ़े...
चम्पारण सत्याग्रह : एक शताब्दी का सफर
जिन मूल्यों को लेकर महात्मा गांधी ने चम्पारण से भारत में अपने अभियान की शुरुआत की थी तथा किसानों की समस्याओं…
अफवाहों से बुंदेलखंड में नाकामी छुपाने की कोशिश
स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने सूखा, पलायन, भूखमरी और किसानों की आत्महत्या से पस्त बुंदेलखंड से लोट कर…
झारखण्ड सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता निति के विरोध में प्रतिरोध तेज
सच्चिदानंद सोरेन
झारखण्ड के जामा प्रखंड के बेदिया पंचायत के गादी चुटो गांव के झाझरापहाड़ी टोला में ग्रामीणों ने झारखण्ड के स्थानीयता निति को लेकर कुल्ही दुरूह(बैठक) किया.जिसमे महिला और पुरुषों ने भाग लिया.चर्चा और विचार विमर्श के बाद सभी ग्रामीणों ने इसे काला स्थानीयता निति घोषित किया.ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा यह…
और पढ़े...
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर पुलिसिया दमन के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन
नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग और गिरफ्तार पत्रकार साथियो की रिहाई को…
मिट्टी खाकर पेट भरती “माता” : बुंदेलखंड भाग दो
स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने सूखा, पलायन, भूखमरी और किसानों की आत्महत्या से पस्त बुंदेलखंड से लोट…
रमन सिंह के दमन के ख़िलाफ : 10 मई 2016 को जंतर-मंतर पर पत्रकारों का प्रदर्शन
पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा 10 मई 2016 को सुबह 10 बजे से जंतर-मंतर पर एक धरना आयोजित किया जा रहा है।
पिछले साल छत्तसीगढ़ के दो स्थानीय पत्रकारों संतोष यादव तथा सोमारू नाग की फर्जी केसों के तहत गिरफ्तारी के बाद ही छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति का…
और पढ़े...