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झारखण्ड
झारखण्ड : नेतरहाट फायरिंग रेंज के विरोध में लातेहार में जुटान; 22-23 मार्च 2022
जोहार साथियों,
17 मार्च 2022 लातेहार। नेतरहाट फायरिंग रेंज के अंतर्गत 1471 किलोमीटर भौगोलिक क्षेत्र और 245 गांव को चिन्हित किया गया। उस वक्त के हिसाब से 2.5 लाख लोग जिसमें 90 से 95 प्रतिशत आदिवासी थे, उन्हें विस्थापित होना था। 22 -23 मार्च 1994 को सेना की टुकड़ी अभ्यास के लिए अधिसूचित क्षेत्र में प्रवेश करने वाली थी. इसके विरोध में प्रभावित…
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मोदी सरकार की स्वामित्व योजना आदिवासियों के सामुदायिक अधिकारों को खत्म करने की…
झारखण्ड के खूंटी जिले में केंद्र की स्वामित्व योजना के तहत बनने वाले व्यक्तिगत संपति कार्ड के विरोध में आदिवासी…
झारखण्ड : विस्थापितों का सीसीएल के खिलाफ़ 14 फरवरी को चक्का जाम
बोकारो 14 फरवरी 2022; विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति ने बेरमो के बैनर तले विस्थापितों का 14 फरवरी 2022 को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत चक्का जाम आंदोलन किया। विस्थापितों ने नियोजन, मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर सीसीएल के तीनों एरिया ढोरी, बीएंडके एवं कथारा एरिया में चक्का जाम किया। आंदोलनकारियों ने कोयला डिस्पैच का काम ठप करा दिया है। बेरमो…
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झारखण्ड : सीसीएल के खिलाफ़ 14 फरवरी से अनिश्चित कालीन चक्का जाम की घोषणा
बोकारो 10 फरवरी 2022; सीसीएल के तीनों प्रक्षेत्र में 14 फरवरी से अनिश्चित कालीन चक्का जाम आंदोलन की घोषणा की गई है।…
झारखण्ड : संयुक्त ग्राम सभा मंच का ऐलान जन विरोधी लैंडपूल बिल का होगा विरोध
-विशद कुमार
झारखंड के सरायकेला खरसावां के चांडिल प्रखंड में 7 अप्रैल 2021 को पारम्परिक डोबो ग्राम प्रधान शंकर…
झारखण्ड : ईस्टर्न कोल फिल्डस राजमहल परियोजना में आदिवासियों की जमीन का जबरन अधिग्रहण
झारखण्ड के गोड्डा जिले के बोआरीजोर प्रखंड के बसडीहा मौजा के निवासियों ने 8 जनवरी 2020 को आदिवासी भू विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले ईसीएल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। आंदोलनकारी आदिवासियों का कहना है कि कम्पनी बेहतर पुनर्वास की व्यवस्था देने के पहले ही ईसीएल प्रबंधन उनकी जमीन का अधिग्रहण करने में जुटा है। ईस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटिड…
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गोड्डा बिजली परियोजना का मामला : हेमंत सोरेन से विश्व के प्रभावित समुदाय और…
गोड्डा बिजली परियोजना – विश्व के प्रभावित समुदाय और समर्थक
श्री हेमंत सोरेन
माननीय मुख्यमंत्री
झारखंड…
झारखण्ड : 23 बैठकों के बाद भी नहीं सुलझ सके डिमना बांध विस्थापितों के मुद्दे
सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लिए गए डिमना डैम की ज़मीन को टाटा कंपनी अपनी निजी जमीन की तरह मानती है। शहर को पीने का…
झारखण्ड : कोल ब्लॉक के खिलाफ गोलबंद दुमका के आदिवासी, गांवों में गूंजते नारे ‘जान देंगे जमीन नहीं’
झारखंड में दुमका जिले के शिकारीपाड़ा इलाके के गांवों में प्रस्तावित कोल ब्लॉक के खिलाफ आदिवासियों की गोलबंद तेज है. पिछले पांच महीने से शिकारीपाड़ा इलाके के अलग-अलग गांवों में बैठकें हो रही हैं. विरोध- प्रदर्शन का दौर जारी है. और इस दौरान नारे गूंजते रहे हैं- जान देंगे, जमीन नहीं.
इसी सिलसिले में 14 जुलाई 2019 को सरसडंगाल हटिया परिसर में…
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