झारखण्ड : स्थानीय निति, CNT और SPT एक्ट के संशोधन के विरुद्ध प्रदर्शन
दुमका(स.प.) रामगढ़ प्रखंड के सुसनिया पंचायत के अन्तर्गत धोधूमा गांव के मातकोम टंडी में बुधराई हेम्ब्रोम,साबित टुडू और सोम मरांडी के संयुक्त अध्यक्षता में झारखण्ड सरकार के द्वारा घोषित स्थानीयता निति और CNT और SPT एक्ट के संसोधन को लेकर संताल आदिवासियों का स्वशासन व्यवस्था मोड़े मंझी बैसी का 29 मई को बैठक किया गया और इसपर विस्तृत चर्चा किया गया.जिसमे सुसनिया पंचायत के ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों ने भाग लिया.चर्चा के बाद गांव के प्रधानों और ग्रामीणों ने यह पाया कि रघुवर सरकार की स्थानीयता निति झारखण्ड के आदिवासी और मुलवासियो के विरोध में है.
रघुवर सरकार ने झारखण्ड के स्थानीय निवासी को जो परिभाषित किया है वह न्याय संगत नहीं है.यह झारखण्ड के मूलवासी(गैर आदिवासी और आदिवासी)को ध्यान में रख कर नहीं बनाया गया है.इसके केंद्र बिंदु में सिर्फ और सिर्फ बाहरी लोगों को किस तरह से झारखण्ड का स्थानीय निवासी बनाया जाय को ध्यान में रख कर बनाया गया है.
इस निति को जिस तरह से परिभाषित किया गया है उससे यहाँ के आदिवासी और मूलवासियो के अस्तिव पर प्रश्न चिन्ह लग गये है.मोड़े मंझी बैसी ने कहा झारखण्ड सरकार और TAC जिस तरह व्यक्तिगत स्वार्थ के लिय CNT और SPT एक्ट का संसोधन कर रही है,उससे झारखण्ड के गरीब आदिवासी और गरीब मूलवासियो का शोषण होगा.वर्तमान स्थानीय निति और CNT, SPT एक्ट का संसोधन सिदो-कान्हू,चाँद,भैयरो,फूलो,झानों, बिरसा मुंड़ा स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों के विरोध में है जिन्होंने अपने जान देकर देश के लिय अंगेजो के विरोध हुल(लड़ाई) और उलगुलान किया था.
मोड़े मंझी बैसी ने झारखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह बोरियो के विधायक श्री ताला मरांडी के उस बयान का भी निंदा किया और आक्रोश व्यक्त किया जिसमे यह कहा गया था कि स्थानीय निति में संशोधन की कोई जरुरत नहीं है.मोड़े मंझी बैसी ने मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास,दुमका के विधायक सह कल्याण मंत्री डॉ लुइस मरांडी और झारखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह बोरियो के विधायक श्री ताला मरांडी से यह सवाल पूछा कि जब झारखण्ड के मूल आदिवासी अग्रेज जमाने में आसाम गए,आज तक उन्हें वहाँ आदिवासी का दर्जा नहीं दिया गया तो कैसे झारखण्ड में 30 वर्ष और मेट्रिक पास(जन्मे) करने पर बाहरी लोगों को स्थानीयता घोषित किया जा रहा है ?
वर्तमान स्थानीय निति के विरुद्ध ,CNT और SPT एक्ट के संशोधन के विरुद्ध, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह बोरियो के विधायक श्री ताला मरांडी के बयान के विरुद्ध और TAC सदस्यों के विरुद्ध झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास,दुमका के विधायक सह कल्याण मंत्री डॉ लुइस मरांडी, झारखण्ड भाजपा प्रदेश के अध्यक्ष सह बोरियो के विधायक श्री ताला मरांडी और TAC सदस्यों का पुतला फुका गया और मोड़े मंझी बैसी ने मांग किया कि स्थानीय निति में संशोधन किया जाय और 1932 खतियान को ही आधार मानकर झारखण्ड के स्थानीय निवासी को परिभाषित किया जाय और जब तब यह संशोधन नहीं हो जाता तब तक सभी सरकारी नियुक्ति स्थगित किया जाय.
अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो ग्रामीण सड़क पर उतरकर आन्दोलन के लिय विवश होगे.सरकार और TAC SPT,CNT एक्ट का छेड़-छाड़ नही करे.मोड़े मंझी बैसी ने यह भी कहा अगर जरुरत पड़े तो जेल भरो आन्दोलन भी किया जायेगा.मोड़े मंझी बैसी में ग्रामीणों और प्रधानों ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया कि जो राजनितिक दल या नेता 1932 खतियान को झारखण्ड का स्थानीयता का आधार का समर्थन नहीं करेगे और ग्रामीण स्तर तक आन्दोलन नहीं करेगा उस नेता और उस पार्टी का सामाजिक और राजनितिक बहिष्कार किया जाएगा .इसके साथ मोड़े मंझी बैसी में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकार के इस काला स्थानीयता निति से मूलवासी को होने वाली हानि से सभी गांव के ग्रामीणों को अवगत कराया जायेगा.
इस मौके पर जलाउद्दीन अंसारी,बिटका किस्कू,प्रिरंजन हांसदा,कटकी रॉय,गंगा हेम्ब्रोम,पटवारी सोरेन,मोसो मरांडी,रसिक मुर्मू,बैजुन मुर्मू,चंदाय टुडू,रामजीवन किस्कू,पाने टुडू,कलेसोल टुडू,वरिश मुर्मू,बुदिनाथ बेसरा,सोकोल टुडू,रुबिलाल किस्कू,गिरीश बास्की,बुदान किस्कू,धर्मेन्द्र हेम्ब्रोम,मनेस्वर टुडू,सोम मरांडी,चुड़का हांसदा,मोनिका मुर्मू,बहामुनी मुर्मू,रीना सोरेन,पतलू मुर्मू,बुदीन मुर्मू के साथ काफी संख्या में महिला और पुरुष उपस्थित थे.