नीम का थाना क्षेत्र में जारी है जनसंघर्ष
राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर अरावली पवर्तमालाओं के पहाड़ी क्षेत्र में नीम का थाना व उसके आस-पास कई गांव बसे हुए हैं। यह इलाका पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण राजस्थान व हरियाणा के खान माफिया द्वारा पिछले कई सालों से अवैध खनन का शिकार है। यह अवैध खनन पुलिस प्रशासन व कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की मिलीभगत से हो रहा है।
इसी अवैध खनन के चलते पूरे क्षेत्र में जल के परम्परागत स्रोत सूख रहे हैं और जंगल खत्म होते जा रहे हैं। अवैध खनन से निकलने वाली बारीक डस्ट जमीन को अनउपजाऊ बना रही है। साथ ही क्षेत्र के लोग टी.बी. जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं। भारी ब्लास्टिंग के कारण डाबला गांव के घरों में तो दरारें तक आ गई हैं। जंगल में चरने वाले पशु बकरी, भेड़ तथा गाय आदि भारी ब्लास्टिंग में उछलने वाले पत्थरों से मारे जा रहे हैं। यही नहीं खान माफिया के गुंडों की दहशत के कारण पूरे क्षेत्र की जनता भयभीत है। खान-शराब माफिया, पुलिस प्रशासन के नेताओं के गठजोड़ के चलते पूरे इलाके में अय्याशी के अड्डे खुलते जा रहे हैं जिससे बहन-बेटियों की इज्जत, मान-सम्मान खतरे में पड़ गये हैं। यानि कुल मिलाकर एक हरे-भरे इलाके को उजाड़ा जा रहा है। इसलिए क्षेत्र की जनता लम्बे अनुभव के बाद स्वयं उठ खड़ी हुई है और जनसंघर्ष का बिगुल बजा दिया है।