दमन, साजिशों से जूझते कलिंगनगर के आंदोलनकारी आदिवासी
- राज्य के दमन (पुलिस ज़ुल्म) एवं टाटा कंपनी के गुंडों (स्थानीय बीजू जनता दल के नेता एवं कार्यकर्ता) के हमले का कंपनी विरोधियों द्वारा सामना।
- राज्य एवं कंपनी के आतंक के कारण कंपनी विरोधी आंदोलनकारी रात में ही निकलते हैं लोगों से संपर्क करने।
- आतंक एवं अत्याचार का यह आलम की कंपनी विरोधी आंदोलनकारी अस्पताल या डाक्टर के पास इलाज कराने जाते समय भी किये जा रहे हैं गिरफ्तार।
- आंदोलन के समर्थन में बाहर से आने वाले लोगों पर अघोषित प्रतिबंध।
जाजपुर जिले में स्थित सुकिण्डा ब्लाक के अंतर्गत प्रस्तावित टाटा कंपनी ने अपने प्रस्तावित स्थल के चारों तरफ से कोरिडोर रोड का निर्माण कराना आरंभ किया था। इसका उद्देश्य आवागमन की सुविधा बढ़ाने के साथ ही साथ यह भी था कि कंपनी के लोग गांवों में भी प्रवेश पा सकें। इस कोरिडोर रोड के विरोध में लोग एकजुट हुए उनका दमन किया गया और दो लोगों की हत्या भी की गयी। इसके बावजूद भी लोगों का संघर्ष जारी है। गोबरघाटी गांव आज आंदोलनकारियों का मुख्य केन्द्र बना हुआ है। इस गांव के लोग विरोध-प्रतिरोध में बड़ी ही मुस्तैदी के साथ डटे हुए हैं।