संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

मध्य प्रदेश : डूब प्रभावित 31 गांवों में 37 दिन से क्रमिक अनशन जारी; सरकार ने नहीं ली अनशन की सुध

मध्य प्रदेश के सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित 31 गांवों में पिछले 37 दिन से क्रमिक अनशन जारी है लेकिन सरकार कोई सुध लेती दिख नहीं रही है।

आज छोटी कसरावद व धनोरा के विस्थापितों ने 1000 से अधिक व्यक्तिगत आवेदन पत्र व दो सामूहियक आवेदन पत्र दिये गये।
आज भी सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित बडवानी जिले के 60 गांव से अधिक डूब में जा रहा है, इसका कोई भी कानूनी पुनर्वास सरकार के द्वारा नहीं किया गया है, आज भी नर्मदा ट्रिब्यूनल फैसले, सर्वोच्च अदालत फैसले 2000,2005,2017, राज्य की पुनर्वास नीति, मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणाओं व 05 जून 2017 से 18 जुलाई 2018 तक नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेशों का पालन नहीं किया गया है, इसके लिए विस्थापितों को अपने हक अधिकार के लिए लडाई लड रहा है, आज भू-अर्जन अधिकारी को पत्र लेकर आवगत करवाया गया हैं कि आज भी हमारे गांव का कानूनी पुनर्वास नहीं हुआ है।

कसरावद के विस्थापितों ने बताया कि हमारे गांव नर्मदा नदी व सहायक नदी तेलाड नदी से प्रभावित हो रहा है, पहले पूर्व सन् 2001 में कसरावद के मकानों को भू-अर्जन 364 मकानों का सर्वे कर मुआवजा दिया गया था, इसके अलावा 7 मकानों का आज तक भू-अर्जन नहीं किया गया है। इसके बाद सन् 2009-2010 में बेक वाटर लेव्हल से 339 मकानों को बाहर कर दिया गया है, जो आज भी नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के नाम पर दर्ज है, इसके भू-स्वामी अधिकार या मालिकाना अधिकार पहले विस्थापितों को लाभ दिया जाये, इसके अलावा पूरे गांव का पुनःसर्वे किया जाये, जिससे वास्तविक स्थिति जा सकते है।

कसरावद में 36 विस्थापितों को 60 लाख रू मिलना बाकी है, 39 विस्थापितों को 15 लाख रू मिलना बाकी है, इसके अलावा पूरे गांव को मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के अनुसार सभी विस्थापितों को लाभ दिया जाये।

धनोरा के विस्थापितों का आज भी कानूनी पुनर्वास नहीं हुआ है, मई जून 2017 में 77 मकानांे को डूब में लिया गया है, बाकी परिवारों को डूब क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है, जो गैरकानूनी तरीके से गलत है।

ग्राम धनोरा पूरा गांव डूब क्षेत्र में होता है, आने जाने के रास्ते बंद हो जायेगे, इसके लिए कोई भी निर्माण नहीं किया गया है।
आज भी पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा नहीं किया गया है।

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के द्वारा सर्वोच्च अदालत फैसले 08 फरवरी 2017 व जीआरए आदेश 28 /11/2017 के तहत समय सीमा में कार्य करना था, जो आज तक नहीं किया गया है।

राहुल यादव, कैलाश यादव, पेमल बहन, कोरजी यादव, गुलमीर मंसूरी, दिपक भाई, कमला यादव, पवन यादव,

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