मध्य प्रदेश जहाँ गाँधी की प्रतिमा तक को विस्थापित कर दिया गया
मध्य प्रदेश, बड़वानी 27 जुलाई 2018। एक साल पूर्व आज के दिन गाॅधी समाधि को उजाखडने प्रयास भाजपा सरकार द्वारा किया गया था। आज बडवानी जिले के राजघाट कुकरा में मूलगांव की गाॅधी समाधि पर नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने एक बैठक का आयोजन किया।
राहुल यादव ने कहा कि पिछले साल जिला बडवानी के प्रशासन के द्वारा आज की तारीख को सुबह 3 या 4 बजे राजघाट कुकरा पर गाॅधी समाधि उजाखने का प्रयास किया गया था, फिर जानकारी मिली था, आंदोलन के कार्यकर्ता पहुच कर अधिकारीयों से चर्चा की गई थी, उसके बाद कुछ समय कार्य रोक गया था, फिर दोपहर के समय नयी जगह गाॅधी समाधि पर विस्थापन किया गया था। इस मुददे का जब आंदोलन के कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध किया गया था, जिला प्रशासन के द्वारा एक प्रकरण दाखिल कर केस बनाया था, इसमें शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है।
वाहिद मंसूरी ने कहा कि आज की सरकार गाॅधी के विचारों को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, आंदोलन तो गाॅधी के रास्ते पर कार्य अहिंसा से लडाई लड रहा है।
सनोवर बी मंसरी ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार ने गाॅधी की समाधि उखाजडे का कार्य किया गया था, परन्तु आज भी हजारों परिवारों को पुनर्वास करना बाकी है।
कमला यादव ने कहा कि सरकार के द्वारा गाॅधी विचार वाले व्यक्तियों पर हमला करने का प्रयास किया जा रहा है, सरकार हमको विकास विरोधी बताया जा रहा है, जो गलत है, आज भी सरदार सरोवर परियोजना से एक यूनिट बिजली नहीं बनायी गई है।
देवराम कनेरा ने कहा कि सरकार गाॅघी विचारधारा को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, देश का मौहाल बदल बदलने का कार्य किया जा रहा है। आज भी 35 हजार से अधिक परिवारों का पुनर्वास करना बाकी है। सरकार के द्वारा आज भी कानूनी पुनर्वास नहीं किया गया है। बडवानी प्रशासन के द्वारा पिछले साल एक गैरकानूनी तरीके से गाॅधी समाधि का कलश उखाडने का प्रयास किया गया था, बडवानी प्रशासन को गाॅधी विचारधारा के कोई व्यक्ति तक नहीं मिले थे, गाॅघी समाधि के कलश उठाने से पहले सभी विस्थापितों बडवानी के गणमान्य व्यक्तियों को बुलाकर चर्चा करके उठाना जरूरी था, इस प्रकार कार्य की नींदा करते है।