संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

कनहर बांध से उपजे सवाल

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से सटे उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में कन्हर बांध के निर्माण से छत्तीसगढ़ के इस जिले के रामचंद्रपुर ब्लाक से 19 गांव पूर्णतः तथा 8 गांव आंशिक रुप से डुबान में आ रहे हैं। इन 27 गांवों की सम्मिलित आबादी लगभग 50 हजार है और इसमें लगभग दो तिहाई आदिवासी-दलित हैं। इस बांध निर्माण का विरोध न केवल उत्तरप्रदेश में हो रहा है,…
और पढ़े...

संघर्ष की तस्वीर हुई थोड़ी और साफ़, किसानों ने भू-हड़प बिल के खिलाफ छेड़ी निर्णायक जंग

पिछले कई महीनों से ज़मीन अधिग्रहण अध्यादेश के मुद्दे मोदी सरकार के खिलाफ चल रही लड़ाई का स्वरुप आज दिल्ली के जंतर…

जल सत्याग्रह का 24वां दिन : सत्याग्रहियों के पैरों की हालत गंभीर

आज 4 मई को 24 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, स्वास्थ्य बहुत ज्यादा ख़राब हो रहा है पर अपने हक के लिए लड़ने का उत्साह अभी भी है । निरंतर स्वस्थ ख़राब होने के बावजूद लोगो में लड़ने की शक्ति बढ़ती जा रही है । नर्मदा बचाओ आन्दोलन की विज्ञप्ति; - घोगलगाँव में ओम्कारेश्वर डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 23 दिन बाद भी पुरे उत्साह से जारी रहा। आज…
और पढ़े...

टाटा सबलीज आवंटन के विरोध में प्रदर्शन

‪ झारखण्ड के जमशेदपुर में प्रगतिशील नागरिक मंच ने टाटा सब लीज आवंटन में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 29 अप्रैल को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इसके बाद डीसी डॉ अमिताभ कौशल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि - 59 सबलीज सहित वैसे तमाम सबलीजों को रद्द किया जाय, जिनमें लीज शर्तों उलग्गन हुआ…
और पढ़े...

एक इंच भूमि भी नहीं देगे – महवा भराला भूमि अधिग्रहण विरोधी संघर्ष समिति

राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र के ग्रामीण पिछले तीन वर्ष से रिको के प्रस्तावित ओधोगिक क्षेत्र का…

जल सत्याग्रह का 19वां दिन : सरकार-प्रशासन मदमस्त !

जल सत्याग्रह के साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें ! मैं उन आवाजों का गुलाम नहीं जिन्हें रेत…

जल सत्याग्रह के साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें !

मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में ओम्कारेश्वर बाँध विस्थापितों के जल सत्याग्रह के 19 दिन पुरे हो गए. सत्याग्रह कर रहे लोगों के शरीर में गलन शुरू हो गई है, मछलिया उनके शरीर पर हमला करने लगी हैं जल सत्याग्रह के जुझारू साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें; पानी –एक कहते हैं जब कुछ नहीं था पानी था. और जब नहीं बचेगा कुछ भी तब पानी रहेगा.…
और पढ़े...