अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की बलि चढ़ते आदिवासी
1992 में अल्ट्राट्रेक सीमेंट फैक्ट्री लगने के बाद से ही यहां पर लगातार खनन का कार्य चल रहा है जिससे स्थानीय लोगों के हाथ से जल, जंगल और ज़मीन भी निकल गई । इस क्षेत्र में 80 फीसदी चूने की खदानें हैं। सीमेंट बनाने वाली फ़ैक्टरी ने चट्टानों को खोदकर ज़मीन को ऐसा बर्बाद किया है कि बाँध में पानी कम पड़ गया और खेत और पशुओं को पानी पिलाना मुश्किल…
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चम्पारण सत्याग्रह : एक शताब्दी का सफर
जिन मूल्यों को लेकर महात्मा गांधी ने चम्पारण से भारत में अपने अभियान की शुरुआत की थी तथा किसानों की समस्याओं…
अफवाहों से बुंदेलखंड में नाकामी छुपाने की कोशिश
स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने सूखा, पलायन, भूखमरी और किसानों की आत्महत्या से पस्त बुंदेलखंड से लोट कर…
झारखण्ड सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता निति के विरोध में प्रतिरोध तेज
सच्चिदानंद सोरेन
झारखण्ड के जामा प्रखंड के बेदिया पंचायत के गादी चुटो गांव के झाझरापहाड़ी टोला में ग्रामीणों ने झारखण्ड के स्थानीयता निति को लेकर कुल्ही दुरूह(बैठक) किया.जिसमे महिला और पुरुषों ने भाग लिया.चर्चा और विचार विमर्श के बाद सभी ग्रामीणों ने इसे काला स्थानीयता निति घोषित किया.ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा यह…
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छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर पुलिसिया दमन के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन
नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग और गिरफ्तार पत्रकार साथियो की रिहाई को…
मिट्टी खाकर पेट भरती “माता” : बुंदेलखंड भाग दो
स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने सूखा, पलायन, भूखमरी और किसानों की आत्महत्या से पस्त बुंदेलखंड से लोट…
रमन सिंह के दमन के ख़िलाफ : 10 मई 2016 को जंतर-मंतर पर पत्रकारों का प्रदर्शन
पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा 10 मई 2016 को सुबह 10 बजे से जंतर-मंतर पर एक धरना आयोजित किया जा रहा है।
पिछले साल छत्तसीगढ़ के दो स्थानीय पत्रकारों संतोष यादव तथा सोमारू नाग की फर्जी केसों के तहत गिरफ्तारी के बाद ही छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति का…
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सूखा, अकाल और सरकारी उपेक्षा से मरते बुंदेलखंड के लोग : भाग एक
कॉपी में लिखी गई बातें
स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने सूखा, पलायन, भूखमरी और किसानों की आत्महत्या…
कोयला निगल सकता है भारत के जल स्रोतः ग्रीनपीस इंडिया
417 कोयला ब्लॉक अक्षत क्षेत्र में
नई दिल्ली। 5 अप्रैल 2016। एक तरफ भारत में लगातार सूखे की खबर सूर्खियों में…
एनजीटी ने जेपी समूह को दी गई 2500 एकड़ वनभूमि का अधिग्रहण रद्द किया
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में वन भूमि हस्तांतरण मामले में प्रदेश की अखिलेश सरकार के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भी जेपी समूह को झटका दिया है। उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती बसपा सरकार द्वारा सोनभद्र में जेपी समूह की सहयोगी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के पक्ष में 1083.231 हेक्टेयर (करीब 2500 एकड़) वनभूमि हस्तांतरित करने के लिए जारी…
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