संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

चुटका परमाणु परियोजना के विरोध में धरना

चुटका परमाणु परियोजना और भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के खिलाफ अनेक जन-संगठनों, राजनीतिक दलों और बुद्धिजीवियों ने भोपाल में 18 मई 2013 को एक-दिवसीय धरना और जन-सभा का आयोजन किया। इन संगठनों ने मंडला जिले के चुटका व आसपास के गांवों में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र का विरोध करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन (ज्ञापन सलंग्न हैं) सौंपा जिसमें यह मांगे रखीं – 1. चुटका परमाणु ऊर्जा परियोजना सहित अन्य सभी प्रस्तावित परियोजनाओं को तत्काल रद्द किया जाए; 2. भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए और सभी परमाणु संयंत्रों को बंद कर सुरक्षित तरीके से हटाया जाए; 3. युरेनियम खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए; 4. परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम से संबंधित हर जानकारी को सार्वजनिक किया जाए; 5. वर्तमान ऊर्जा उत्पादन के अनावश्यक व विलासितापूर्ण उपभोग पर रोक लगाई जाए और ऊर्जा के समतामूलक वितरण व उपयोग की व्यवस्था की जाए; और 6. प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा विकल्पों को बिना किसी भी तरह की मुनाफाखोरी या व्यवसायीकरण के जन-भागीदारीपूर्ण तरीकों से विकसित किया जाए।

सभी संगठनों ने चुटका परमाणु संघर्ष समीति और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा चुटका गांव में 24 मई को आयोजित सरकारी जन-सुनवाई के बहिष्कार का समर्थन किया। वक्ताओं ने यह स्पष्ट तौर पर कहा कि अंग्रेजी में जारी की गई पर्यावरण रिपोर्ट के आधार पर, जिसे गांव के आदिवासी न पढ़ सकते हैं और न ही समझ सकते हैं, जन-सुनवाई कराना धोखा है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का भद्दा मजाक है।

वक्ताओं ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के खिलाफ जनता के सशक्त प्रतिरोध के बावजूद सरकार बेशर्मी से तमाम खतरो के बावजूद परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है, जिसका एकमात्र उद्देश्य है अमेरिका और युरोप की कंपनियों के मुनाफों को बढ़ाना।

वक्ताओं ने प्रगतिशील व जन-पक्षधर संगठनों और देशभक्त जनता का आह्वान किया कि वे इस लड़ाई में शामिल हो कर चुटका परमाणु परियोजना और भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के खिलाफ जोरदार आवाज़ उठाएं। इस दौरान परमाणु ऊर्जा के खतरों से आगाह करती पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी हुई।

राजकुमार सिंहा; गुलजार सिंह मरकाम
(चुटका परमाणु संघर्ष समीति); (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी)

शैलेंद्र शैली; विजय कुमार
(सचिव मंडल सदस्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, म.प्र.) (राज्य कमीटी सदस्य, भाकपा-माले)
अनिल सद्गोपाल; अब्दुल जब्बार
(सचिव, शिक्षा अधिकार मंच, भोपाल); (गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन,
वुमेन अगेंस्ट सेक्शुअल वॉयलेंस एंड स्टेट रिप्रेशन)

चुटका परमाणु संघर्ष समीति; गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (म.प्र.); जन संघर्ष मोर्चा (म.प्र.); भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (म.प्र.); भारत की कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी-लेनिनवादी (म.प्र.); पीपल्स इनिशियेटिव अगेंस्ट न्युक्लियर पावर; ऑल इण्डिया स्टुडेंट्स फेडेरेशन (म.प्र.); क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा (म.प्र.); अखिल भारतीय क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन (म.प्र.); गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन, भोपाल; मध्य प्रदेश महिला मंच; शिक्षा अधिकार मंच, भोपाल; वुमेन अगेंस्ट सेक्शुअल वॉयलेंस एंड स्टेट रिप्रेशन (म.प्र.)
संपर्कः राजकुमार (चुटका) – 9424385139 विजय (भोपाल) – 9981773205, लोकेश (भोपाल) – 9407549240

ज्ञापन  18 मई 2013

प्रति,
राज्यपाल
मध्य प्रदेश
भोपाल

विषयः चुटका परमाणु ऊर्जा परियोजना को रद्द करने की अपील

महोदय

जैसा कि आपको विदित होगा, मंडला जिले के चुटका व निकटवर्ती गावों में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा परियोजना के खिलाफ वहां के लोग पिछले कुछ सालों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। चुंकि उक्त क्षेत्र संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत संरक्षित है अतः इस क्षेत्र और यहां निवास करने वाले आदिवासी नागरिकों के अधिकारों व हितों के सुरक्षा की सरकार की विशेष संवैधानिक जिम्मेदारी है। लेकिन हमें अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार परमाणु ऊर्जा परियोजना के खिलाफ इस क्षेत्र के लोगों के स्पष्ट मत की अवमानना कर रही है उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।

इसके अलावा हम यह भी कहना चाहेंगे कि चुटका परमाणु परियोजना सिर्फ उस इलाके का मसला नही है। परमाणु ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया में हर स्तर पर मानव जीवन व प्रकृति के लिए खतरनाक विकिरण उत्सर्जित होता है। इसके भयावह परिणामों से हम सभी वाकिफ हैं। यही नही, जापान की फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना व तमाम दूसरी दुर्घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि पूरी तरह सुरक्षित परमाणु संयंत्र का दावा एक सफेद झूठ है।

इस चिंतनीय परिस्थिति के साथ ही परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के खतरनाक परिणामों को ध्यान में रखते हुए हम आपके माध्यम से हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि,

  1. चुटका परमाणु ऊर्जा परियोजना को तत्काल रद्द किया जाए
  2. भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए और सभी परमाणु संयंत्रों को बंद कर सुरक्षित तरीके से हटाया जाए;
  3. युरेनियम खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए;
  4. परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम से संबंधित हर जानकारी को सार्वजनिक किया जाए;
  5. वर्तमान ऊर्जा उत्पादन के अनावश्यक व विलासितापूर्ण उपभोग पर रोक लगाई जाए और ऊर्जा के समतामूलक वितरण व उपयोग की व्यवस्था की जाए; और
  6. प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा विकल्पों को बिना किसी भी तरह की मुनाफाखोरी या व्यवसायीकरण के जन-भागीदारीपूर्ण तरीकों से विकसित किया जाए।

हम आपका ध्यान इस तथ्य की ओर भी दिलाना चाहेंगे कि पर्यावरण मंजूरी की औपचारिकता को पूरा करने के लिए सरकार ने 24 मई 2013 को चुटका गांव में जन-सुनवाई का आयोजन किया है। यह जन-सुनवाई अंग्रेजी में जारी की गई एक ऐसी कठिन रिपोर्ट के आधार पर होनी है जिसे पढ़ने या समझने में चुटका के आदिवासी नागरिक सर्वथा असमर्थ हैं। इसी लिए वे यह मांग कर रहे हैं कि पहले यह रिपोर्ट उन्हे उनकी भाषा में व इस रूप में उपलब्ध कराई जाए जिससे वे इसे समझ कर निर्णय ले सकें। उनकी इस मांग को अनदेखा कर और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाते हुए सरकार जबरदस्ती यह जन-सुनवाई कराने पर अमादा है। यह संविधान का खुला उल्लंघन है। हम यह मांग करते हैं कि इस झूठी जन-सुनवाई को रद्द किया जाए और चुटका के आदिवासी नागरिकों की जायज़ मांग को स्वीकार किया जाए।

हमें उम्मीद है कि आप अपने पद की शपथ के अनुरूप संविधान के इस उल्लंघन को रोकने की तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रदेश ही नही पूरे देश के समक्ष हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों को सख्ती से लागू करवाने की मिसाल कायम करेंगे।

धन्यवाद,

भवदीय,

चुटका परमाणु संघर्ष समीति;

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