संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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आदिवासी

मध्य प्रदेश सरकार का ग्राम सभाओं को कमजोर करना आदिवासियों के संवैधानिक मूल्यों का हनन है

केन्द्रीय पेसा कानून, न्यायालयों के आदेश और संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं के अधिकारों को कमजोर करने के उद्देश्य से पेसा कानून के तहत वन भूमि, न्याय संबंधित कानूनों में संशोधन न करके ग्रामसभाओं को कमजोर ही किया है। ब्रिटिश सरकार के शिकंजे से जो आदिवासी समाज मुक्त रहा उसे आजादी के बाद…
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मध्य प्रदेश : ‘पेसा’ से उलट ‘पेसा’ के नियम

मध्य प्रदेश सरकार को करीब ढाई दशक पहले संसद में पारित ‘पेसा कानून’ की अब जाकर सुध आई है। पांच महीने पहले ‘पेसा’ के…

मध्य प्रदेश सरकार बना रही 11 नए अभयारण्य : हजारों आदिवासियों पर विस्थापन का खतरा

मध्यप्रदेश का वन विभाग 11 नए अभयारण्य और रातापानी को टाईगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राज्य के…

आदिवासी क्षेत्र में कम्पनी के लिए भू- हस्तांतरण और संवैधानिक प्रावधान

भारत सरकार कानून 1935 की धारा 92 में प्रावधान था कि केन्द्र और राज्य कोई भी कानून पूर्णतः और आंशिक अपवर्जित(छोङा हुआ) क्षेत्रों में लागू नहीं होंगे। ये क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य थे और भारतीय संविधान में इन्हे पांचवी और छठवीं अनुसूची में वर्गीकृत किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 244 में पांचवी अनुसूचि वाले क्षेत्र में यह व्यवस्था है कि किसी भी कानून…
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पच्चीसवें साल में पेसा : ग्राम सभा को सशक्त करने के लिए आया कानून खुद कितना मजबूत!

-कुंदन पाण्डेय पेसा यानी पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) क़ानून 1996 में आया था। इस कानून को…

संसद द्वारा एकमत से पारित वनाधिकार कानून के बाद भी आदिवासियों, वनाश्रितों के साथ…

2006 में देश की संसद द्वारा ऐतिहासिक अन्याय खत्म करने को एकमत से 'वनाधिकार' कानून बनाया गया था। कानून से आस जगी थी…

छत्तीसगढ़ : कोयला खनन में पेसा कानून की अनदेखी पर फिर उठे सवाल, सरकार और ग्रामीण आमने-सामने

कोयला खनन के वास्ते केंद्र सरकार ने बीते दिसंबर महीने में 1957 में बने कानून का उपयोग करते हुए कोरबा जिले के मदनपुर इलाके में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु कर दी। छत्तीसगढ़ राज्य के खनिज सचिव ने जनवरी में पत्र लिखकर इसपर आपत्ति जताई है। ग्रामीणों के अनुसार उनका क्षेत्र पांचवी अनुसूची के दायरे में आता है जहां ग्राम-पंचायतों को पेसा कानून के तहत…
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आदिवासियों के साथ ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करते करते अन्याय को स्थाई कर दिया सर्वोच्च न्यायालय ने

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदिवासियों को वन भूमि से हटाने के दिए गए निर्देश ने संविधान और संवैधानिक मूल्यों के प्रश्न को राष्ट्रीय पटल पर लाकर खड़ा कर दिया गया। आदिवासियों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करने के लिए 2006 में बनाए गए वनाधिकार अधिनियम को पूरी तरह से ताक पर रखते हुए आज लाखों लाख आदिवासियों को विस्थापन के कगार पर लाकर…
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