संवेदनहीनता से उपजी संवादहीनता सरकार के लिए घातक – डॉ सुनीलम
माधुरी बहिन गत 17 मई से ही खरगौन जेल में हैं। उन्होंने जेल जाते समय कहा
कि वे गुलाम भारत में स्वतंत्र नागरिक हैं, ऐसा कोई कार्य जिन्होंने नहीं
किया, इसको लेकर वे जमानत दें। माधुरी जी का आचरण राष्ट्रीय आंदोलन की याद
दिलाता है जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आजादी के लिये सत्याग्रह करते थे
तथा गिरफ्तार किये जाने पर जमानत लेने से इन्कार कर देते…
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