सम्पादकीय : अगस्त 2010
आज भू-बाजारीकरण का पहिया तेजी के साथ गति पकड़ चुका है तथा उदारीकरण दुधारी तलवार की तरह कुछ मुट्ठीभर लोगों को बेहतर तथा पूंजी एवं संसाधनों के केन्द्रीकरण का इस्तेमाल ‘सात समुंदर पार’ की ताकतों द्वारा तथाकथित राष्ट्रीय ताकतों के गठजोड़ से किया जा रहा है। फलतः इसके विरोध-प्रतिरोध में अपने जीवन, जीविका, जल, जंगल, जमीन की हिफाज़त के लिए दोटे एवं बड़े जन…
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