अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की बलि चढ़ते आदिवासी
1992 में अल्ट्राट्रेक सीमेंट फैक्ट्री लगने के बाद से ही यहां पर लगातार खनन का कार्य चल रहा है जिससे स्थानीय लोगों के हाथ से जल, जंगल और ज़मीन भी निकल गई । इस क्षेत्र में 80 फीसदी चूने की खदानें हैं। सीमेंट बनाने वाली फ़ैक्टरी ने चट्टानों को खोदकर ज़मीन को ऐसा बर्बाद किया है कि बाँध में पानी कम पड़ गया और खेत और पशुओं को पानी पिलाना मुश्किल…
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