संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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उदारीकरण के 25 वर्ष

खुली अर्थव्यवस्था की समीक्षा जरूरी !

देश में खुली अर्थव्यवस्था के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसके अच्छे-बुरे प्रभावों को ठीक से समझने के लिए इतना वक्त काफी होता है। तात्कालिक लाभ के दूरगामी फायदे होंगे या नुकसान ? यह समझने का वक्त अब आ चुका है। इस महत्वपूर्ण सवाल पर अरुण तिवारी का आलेख; मोदी सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर, खासकर आर्थिक मोर्चे पर जगाई आशा का चहुं ओर आकलन हो रहा…
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