सम्पादकीय, जुलाई 2011
हम खुश किस्मत हैं कि हमारे माननीय सर्वोच्च न्यायालय को समय-समय पर याद आ जाता है कि असंवैधानिक क्या है? आजादी के इतने सालों बाद याद आया कि खाप पंचायतों के फतवे नाजायज हैं, छत्तीसगढ़ में एस.पी.ओ. की भरती गैरकानूनी है, देशद्रोह क्या नहीं है, सार्वजनिक हित के लिए अधिग्रहीत की गयी भूमि किसी अन्य लाभार्थी को नहीं दी जा सकती तथा सामूहिक संपदा…
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