लैंड टाइटल एक्ट : विश्व बैंक के एजेंडे को आगे बढ़ाते नीति आयोग की नयी पेशकश
जिनके सरोकार बदलती दुनिया और एक नियमित अंतराल पर केंचुल बदलते पूंजीवाद से रहे हैं वे लंबे समय से यह बात कहते आ रहे हैं कि भारत की संसद की संप्रभुता कहीं और से संचालित होने लगी है। नीति आयोग के गठन के बाद यह बात स्पष्ट होती जा रही है। इस नयी नवेली संस्था को महज़ योजना आयोग के स्थानापन्न के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यह बात भी इसके गठन के साथ ही…
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