संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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रेणुका बांध विरोधी आंदोलन

आखिर दिल्ली की प्यास कब बुझेगी?

दिल्ली के निवासियों को ज़िंदा रखने की कीमत हिमाचल के लोग अपनी आजीविका के विनाश और बाँध परियोजनाओं के दुष्प्रभावों के रूप में चुकाने पर मजबूर हैं. दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए प्रस्तावित रेणुकाजी बांध परियोजना के जबरर्दस्त विरोध के बावजूद हाल ही में एक और किशाउ बांध परियोजना पर समझौता हुआ हैं जिसका मुख्य उदेश्य दिल्ली को पानी पिलाना हैं. किशाउ…
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वन अधिकार कानून लागू करने के आधे-अधुरे फैसले

हिमाचल सरकार ने प्रदेश में 7 अप्रैल को आयोजित होने वाली ग्राम सभा में वन अधिकार कानून -2006 के तहत वन अधिकार…

मंत्री जी, देश की वनभूमि पर कारपोरेट का जंगलराज कायम हो गया है !

देश आज उस मुहाने पर खड़ा है जहां या तो जंगल बचाने वाले आदिवासी बचेंगे, या जंगलराज लाने वाले कारपोरेट. देश का क़ानून…

दिल्ली की प्यास बनी हिमाचल की त्रास

दिल्ली के निवासियों को ज़िंदा रखने की कीमत हिमाचल के लोग अपनी आजीविका के विनाश और रेणुका बाँध परियोजना के दुष्प्रभावों के रूप में चुकाने पर मजबूर हैं. क्या दिल्ली की प्यास हज़ारों लोगों को बेघर और बेबस कर ही बुझेगी? रेणुका बांध परियोजना गिरी नदी पर 148 मीटर ऊँचा 26 किमी लंबी झील लगभग 2100 हैक्टेयर जमीन लगभग 1142 परिवार तथा 70 पंचायतों से भी अधिक लोग…
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