रोहित की ज़िंदगी : परतदार दर्द की उलझी हुई दास्ताँ
सुदीप्तो मंडल, हिंदुस्तान टाइम्स, गुंटूर/हैदराबाद. 27 जनवरी, 2016
अनुवादः रश्मि शर्मा
रोहित वेमुला की कहानी उसके उसके जन्म से 18 वर्ष पूर्व, सन् 1971 की गर्मियों में गुन्टूर शहर से प्रारंभ होती है। यही वह वर्ष था जब रोहित की दत्तक नानी अंजनी देवी ने उन घटनाक्रमों को प्रारंभ किया, जिन्हें बाद में इस शोधार्थी ने अपने आत्महत्या नोट में गूढ़ रूप…
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