राष्ट्रीय सम्मेलन : समाज-संसाधन-संविधान बचाओ; 6 दिसम्बर 2015, नयी दिल्ली
26 जनवरी 2015 को प्रकाशित एक सरकारी विज्ञापन (संख्या-डीएवीपी 22201/13/0048/1415) में संविधान की प्रस्तावना के दो शब्द ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ रहस्यमय ढंग से गायब थे।
क्या ऐसा जानबूझकर किया गया था? भारत के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट-भ्रष्ट करने की अनेक कोशिशों के बाद, क्या यह सरकार भारत के संविधान के ताने-बाने को उलटने-पुलटने में…
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