बंदरगाह के विरोध में तमिल किसान
राजनीतिक रूप से भले ही सत्ताधारी दल अलग-अलग दिखाई देते हों, लेकिन विकास के मामले में सभी में गजब की एकरूपता है। तमिलनाडु को ही लें तो वहां उत्तर भारत की भाजपा-कांग्रेस जैसी पार्टियों से सर्वथा भिन्न ‘द्रविड मुनेत्र कषगम’ (डीएमके) सत्ता पर विराजमान है, लेकिन वहां भी ‘अदानी पोर्ट्स’ सरीखी कंपनियों की अगुआई में ‘विकास’ के नाम पर ‘विनाश’ किया जा रहा…
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