दिल्ली – मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
मुंबई से दिल्ली तक परियोजना प्रभावित क्षेत्रों की 8 मार्च से 17 मार्च तक संघर्ष यात्रा
18 मार्च को दिल्ली पहुंचकर जतंर-मंतर पर विशाल ‘किसान महापंचायत’ में शामिल हो
19 मार्च को दिल्ली में दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरीडॉर: भ्रम और सत्य सम्मेलन
कॉरिडोर का 77% हिस्सा गुजरात (38%) और राजस्थान (39%) से होकर गुजरेगा जबकि महाराष्ट्र और हरियाणा से 10%-10%, जबकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली का 1.5% -1.5% योगदान इस पूरे प्रोजेक्ट में होगा।
इस कॉरिडोर के बनने से देश के बड़े औद्योगिक शहर गाजियाबाद, नोएडा, फरिदाबाद, जयपुर, अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत, वालसाड, वापी, नासिक, थाने और पुणे जैसे शहर तो सीधे जुड़ ही जाएंगे मुंबई और दिल्ली के बीच की माल ढुलाई भी आसान हो जाएगी।
डीएमआईडीसी के अंतर्गत कॉरिडोर ही नहीं बल्कि 7 नए शहर भी बसाए जायेगे । दिल्ली से लेकर मुंबई तक एक इंडस्ट्रीयल लेन होगी जो डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए जुड़ी होगी। इसके आसपास 7 नए इंडस्ट्रीयल शहर विकसित किये जायेगें।
1483 किलोमीटर लंबाई वाले दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के लिए आवंटित बिजली परियोजनाओं में से 2-2 महाराष्ट्र और गुजरात में तथा 1-1 मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगाए जाने हैं। इस संबंध में महाराष्ट्र के 2 और मध्य प्रदेश की एक परियोजना के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा पहले चरण के लिए हरी झंडी भी मिल गई है।
इसके पहले फेस पर काम शुरु हो चुका है जिसमें गुजरात के धोलेरा में एक बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क, गांधीनगर-अहमदाबाद-धोलेरा स्थानीय मैट्रो रेल लिंक, इंदौर एयरपोर्ट और पीथमपुर को जोड़ने के लिए एक स्पेशल लिंक रोड़, मध्यप्रदेश के उज्जैन में नॉलेज पार्क सिटी, हरियाणा के मानेसर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब, राजस्थान के भिवाडी में मल्टी लॉजिस्टिक हब आदि शामिल हैं इसके लिए डीएमआईसीडीसी टेंडर जारी कर चुकी है इस 100 अरब डॉलर खर्च होने हैं इसमें 10 अरब डॉलर जापानी कंपनियां खर्च करेंगी जबकि बाकी 90 अरब डॉलर के निवेश का सरकार ने खुलासा नहीं किया है।