कूडनकुलम: दमन, उत्पीड़न जारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ्तार
कूडनकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ जारी पुलिसिया दमन की जांच पडताल करने के लिय जा रहे विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन के झारखंड इकाई के संयोजक दामोदर तुरी सहित 11 लोगों को 12 अक्टुबर 2012 की सुबह तमिलनाडु पुलिस ने हिरासत में ले लेकर जेल भेज दिया है । इस पुरे घटनाक्रम पर अजय कुमार कि रिपोर्ट;
विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन संगठन की झारखंड इकाई के संयोजक दामोदर तुरी सहित 11 लोगों के तथ्य जांच दल को तमिलनाडु पुलिस द्वारा कूडनकुलम जाते हुए गिरफ्तार करने की कड़े शब्दों में निंदा करता है। टीम के अन्य सदस्य पीयुसील झारखंड के राज्य कमेटी सदस्य व जनहस्तक्षेप पत्रिका के सम्पादक अरिवंद अविनाश, ओडिश हाईकोर्ट की अधिवक्ता प्रोतिमा दास, क्रान्तिकारी लेखक संघ, आंध्र प्रदेश (विरसम) के सचिव वारालक्ष्मी, रायलसीमा कर्मिक समाख्या के सचिव हमीद, जनवादी अधिकार संगठन सीपीसीएल, तमिलनाडु के केशवन, साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन के के. पालानीसामी, स्टुडैंट अपराईजिंग मुवमैंट फाॅर सोल वेलफेयर के जगन, वुमन अपराइजिंग मुवमैंट की अगराडी सहित डेमोक्रेटिक स्टुडैंट यूनियन, जेएनयू, दिल्ली की प्रियादर्षनी थे, जो कूडनकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ जारी जनांदोलन पर हो रहे सरकारी दमन की जांच पडताल करने के लिए बस में कूडनकुलम जा रहे थे। कूडनकुलम से लगभग 20 किलोमीटर पूर्व नानगुनेरी में इस टीम को 12 अक्टुबर की सुबह ही तमिलनाडु पुलिस ने बस से उतारकर हिरासत में ले लिया।
(लेखक कि फेसबुक से)