जैतापुर परमाणु पॉवर प्लांट : फ़्रांसीसी कंपनी ने दिया एनपीसीआईएल को नया प्रस्ताव
जैतापुर परमाणु पॉवर प्लांट: फ्रांस के कंपनी ई.डी.एफ ने दिया भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) को एक नया प्रस्ताव
जैतापुर संयंत्र स्थल पर पुलिस तैनात
दिल्ली 16 जुलाई 2017, पीटीआई; ई.डी.एफ ने प्रस्ताव रखा है की अभियांत्रिकी की और खरीदी के एक बड़े हिस्से की ज़िम्मेदारी ई.डी.एफ लेगी और चाहती है की भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम निर्माण की ज़िम्मेदारी उठाये।
फ्रांस की एक कंपनी जैतपुर में छ: परमाणु रिएक्टर बनाने वाली है। उस कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कंपनी ने एक नयी योजना प्रस्तुत की है जिसमें कंपनी ने अभियांत्रि की के क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभाने का प्रस्ताव रखा है।
ई.डी.एफ और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम ने इस वर्ष के अंत तक जैतपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्रके लिए जनरल फ्रेमवर्क अग्रीमेंट (जी.एफ.ए) पर हस्ताक्षर करने का निश्चय किया है।
नाम गप्त रखने की शर्त पर ई.डी.एफ के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल के अंत में संभवतः फ्रांस के राष्ट्रपति ईमनुएल मैक्रॉन भारत में दौरे पर रहेंगे और इसलिए दोनों तरफ से समझौते की प्रक्रिया को तेज़ किया जा रहा है ताकि इस दौरान ही जनरल फ्रेमवर्क अग्रीमेंट हस्ताक्षरित किया जा सके।
इसी बीच ई.डी.एफ के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस विषय पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात भी की।
ज्ञात हो कि ई.डी.एफ 1650 मेघावाट की क्षमता वाले छ: रिएक्टर बनाने वाला है। परिचालित होने पर यह प्रस्तावित संयंत्र जो की मुंबई से लगभग 500 कि.मी. दक्षिण की ओर स्थित है, वह भारत की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा उत्पादन पार्क बन जाएगी।
किसी भी परमाणु संयंत्र के निर्माण की चर्चा तीन मुख्य बिन्दुओ पर की जाती हैं – अभियांत्रिकी, खरीदी एवं निर्माण।
ई.डी.एफ के अधिकारी ने बताया की कंपनी ने अभियांत्रिकी और उपकरणों की खरीदी के एक बड़े हिस्से की ज़मीदारी लेने का प्रस्ताव रखा है जिन्हें विदेश से मंगवाना है।
यह प्रस्ताव अरेवा के प्रस्ताव से अलग है जो इस प्रस्तावित संयंत्र के प्रारंभिक समझौता वार्ता में रखा गया था। ज्ञात हो कि अरेवा को ई.डी.एफ द्वारा ले लिया गया है।
ई.डी.एफ दूसरी तरफ इस बात पर ज़ोर दे रही है की भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम निर्माण का कार्य देखे क्योंकि उसे कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र का अनुभव है।
दूसरी तरफ एनपीसीआईएल का कहना है कि ईपीआर प्रौद्योगिकी भारत के लिए नया है और इसलिए वह चाहती है कि ई.डी.एफ अभियांत्रिकी, खरीदी एवं निर्माण की पूरी ज़िम्मेदारी उठाये।
नाम उजागर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ भारतीय सरकारी अधिकारी ने बताया की जी.एफ.ए तीन पहलुओं पर टिका हुआ है –न्यूनतम दर, ऋण और functional reference plant और अभी तक एनपीसीआईएल द्वारा नए प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
ई.डी.एफ के अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय और फ्रांसीसी कोष विभाग के बीच ऋण से सम्बंधित समस्याओं को लेकर चर्चा चल रही है। ईडीएफ के अधिकारी ने बताया कि उसमें से एक हिस्सा यूरो में होगा और बाकि सब रुपये में।
फ्रांस के एक अधिकारी ने आशा करते हुए बताया कि संभवतः फ्लामनविल ईपीआर परमाणु ऊर्जा रिएक्टर जिसे संदर्भित संयंत्र बनाया गया है वह 2018 तक कमीशंड होगी। अधिकारी ने आगे बताया की ईडीएफ एक और ईपीआर संयंत्र की स्थापना कर रहा है चीन के गुआन्डोंग प्रान्त के ताईशान में और वह भी इस वर्ष के अंत तक परिचालित हो जाएगा।