झारखण्ड : संघी हिंसा, खूंटी पुलिसिया दमन और 20 कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह के खिलाफ राजभवन पर दस्तक
झारखण्ड, रांची 25 अगस्त 2018. संवैधानिक अधिकारों के ऊपर हो रहे हमलों के खिलाफ ‘लोकतंत्र बचाओ मंच’ के बैनर तले रांची के स्कूल मैदान से राज भवन तक पदयात्रा का आयोजन किया गया, राजभवन परिसर पदयात्रा पहुँच कर एक आम सभा में बदल गई जिसमे संविधान द्वारा प्रदत अभिव्यति की स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिए और भूख, अन्याय, हिंसा, धार्मिक-उत्पीडन के विरुद्ध संघर्ष करने वाले साथियों के ऊपर राज्य द्वारा किए जा रहे हमलों के खिलाफ सामाजित संगठनों, राजनैतिक दलों, बुद्धिजीवियो, पत्रकारों से समर्थन का आह्वान किया गया. सभा में अनेक जनसंगठन, प्रताड़ित परिवारों के सदस्य एंव राजनातिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ ही साथ स्वामी अग्निवेश, प्रशांत भूषण, मेधा पाटकर ने भी अपनी बातें रखी.
झारखण्ड की सरकार अपने आकाओं के लिए कौड़ियो के भाव आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन हड़प रही है. गरीब का राशन, स्कूल बंदी आदि राज्य सरकार का जनता के साथ क्रूर मजाक है. पिछले चार सालो में गरीब आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक जनत दमन और अत्यचार बढ़ते जा रहे है. झारखण्डी जनता संगठित रूप से झारखण्ड सरकार के इन कुकृत्य का पुरजोर विरोध करती रही है. शासन और विकास के सभी आयोग में सरकार का प्रदर्शन फीसदी रहने से सत्ताधारी दल सभी उपचुनाव हारते रहे है.
अच्छे दिन के वादे और विकास के विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिए राज्य सरकार धार्मिक उन्माद और हिंसा फ़ैलाने का काम सुनियोजित ढंग से कर रही है. सरकार की आलोचना करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवियों को धमकाया व प्रताडित किया जा रहा है. इनमे कुछ मुख्या घटनाए है-
- संगठित भीड़ द्वरा आधे दर्जन घटनाओ में पंद्रह निहात्ये मुसलमानों, आदिसियों की गो तस्करी /गोहत्या का बहाना बना कर क्रुरतापूर्वक हत्या कर दी गई.
- खनिज संम्पन्न होने के वावजूद यहाँ के आधिवासी गरीबी के कारण पलायन कर रहे हा. सरकार ने राशन वितरत व्यवस्था में अव्यावहारिक बदलाव किये, फलस्वरूप लचार गरीब को राशन के लिए दर-दर भटकना पड़ा और दर्जन से ज्यादा भूख से मौते हुई.
- 14 अगस्त 2017 को एक प्रयोजित सेमिनार में सरकार के एक मंत्री द्वारा अर्थशास्त्री ज्यो-ड्रेज को बेज्जत किया गया, धमकाया गया.
- 26 जून की खूंटी की घटना से संबधित फेसबुक पोस्ट को आधार बनाकर फादर स्टेन स्वामी, विनोद कुमार सहित बीस बुधिविजी, लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह का मुकदमा किया गया.
- 17 जुलाई 2018 को पाकुर में जाने वाले बुधिविजी एंव समाजसेवी स्वामी अग्निवेश पर जो पहारिया समुदाय द्वारा बुलाये गये थे, बिना किसी संदर्भ के जानलेवा हमला किया गया. पुलिस द्वरा अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई.
हमारी मांगे
• लोकतंत्र में हम सोचने, बोलने को आजाद है.
• समाजिक कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह के मुकदमे वापस लो.
• अल्पसंख्यकों पर जुल्म करना बंद करो.
• लिंचिंग के दोषियों को जल्द सजा दो, हिंसा प्रभावित परिवारों को मुआवजा दो.
• दंगाईयों सम्मानित करना बंद करो.
• माँव लिंचिंग सम्बंधित सुप्रीम कोर्ट गॉइडलाइन लागू करो.
• स्वामी अग्निवेश के हमलावरों को तुरंत गिरफ्तार करो.