विकास का आतंक और विनाशकारी विस्थापन के खिलाफ पदयात्रा; 6 से 12 अगस्त 2015, नर्मदा घाटी
नर्मदा की घाटी में पिछले 30 सालों से सतत संघर्षरत रहे अदिवासी-किसान, मछुआरे, मजदूर सभी के जीवन पर बादल मंडरा रहें है। सरदार सरोवर बोध की ऊंचाई 17 मीटर अधिक बढाने से 214 कि. मी. तक पानी भरने की संभावना, जो हजारों परिवारों के लिए चुनौती है, उसे स्वीकार करने के लिए घाटी को तैयार होना ही पडेगा।
हर प्रकार की कानूनी, मैदानी लडाई के छोर पर, बरबादी की कगार पर, धकेले हुए विस्थापितों-आंदोलनकारियों को आज उन सबका साथ और सहयोग जरूरी है, जो कई बार या कभी न कभी हमारे साथ आए, हमें बल देकर, चेताया…….जो गवाह रहे, सालों के संघर्ष की……जो टकराए भी सत्ताधीशों से, हमारे साथ…….जो अपने गीत-संगीत, लेखन-विश्लेषण या अन्य माध्यम से घाटी की बात, सोच और सच दुनिया में फैलाते रहे।
जिन्होंने भी अपनी कलम या आवाज उठाई, वे हमारे साथी, जन संगठन, युवा-बुजुर्ग – लेखक, पत्रकार, कलाकार या अन्य मान्यवर नागरिक, आज ही, इसी बारिश के पहले जोर-शोर से आवाज उठाए, कंपनियों के हितैषी, मोदी शासन के निर्णय के खिलाफ, जिससे 245 गांवों को बिना पुनर्वास, न्यायालयों की खुलेआम अवमानना करते हुए, डुबाने की तैयारी है।
सरदार सरोवर 122 मी की ऊंचाई पर ही हजारों हेक्टर जमीन, सैकडों मकान डूब-प्रभावित हो चुके है। अभी 138.68 मी तक काफी बांध का काम पूरा कर दिया गया है। सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए सभी फैसलों को, हर कानून और हर नीति-न्याय को अनदेखा करते हुए, पहाडी और निमाड में बसे हजारों-हजार परिवारों, आबादी से भरपूर गांवों को जल समाधि देने के इस निर्णय को, पूरे देश के नागरीय समाज से चुनौती जरूरी है।
बांध-संबंधी हर मुददा विकास से संबंधित मुददा ही है – हजारों हेक्टर जमीन अधिग्रहण की बात, पुनर्वास के झूठे वादे और करोडों का भ्रष्टाचार, नदी घाटी का पर्यावरण आरै संस्कृति बचाना, किसानों के हित के नाम से कंपनियों को हजारों हेक्टर जमीन और लाखों लीटर पानी कौडियों के दाम में देना – ये सब नर्मदा घाटी के भी सवाल है और देश भर की आम-मेहनतकश जनता और संवेदनशील नागरिकों के भी। आप सब से, देश के नागरिकों से, अपील है कि नर्मदा घाटी के जीने – मरने की इस गंभीर मोड पर हमारे साथ आगे की दिशा तय करने में और घाटी की हकीकत, पुनर्वास और भ्रष्टाचार के साथ, बांध के लाभ-हानि की स्थिति जानने के लिए कुछ दिन हमारे साथ, घाटी की यात्रा-सत्याग्रह में चलें – जरूर।
नर्मदा किनारे, सरदार सरोवर के डूब-क्षेत्र के हरे भरे – भरे पूरे गांवों से शुरू करते हुए, देश – दुनिया की संघर्षो से जोडते हुए, हिरोशिमा की याद लेकर, खलघाट (आग्रा-मुम्बई रोड पर) से निकलेगा जत्था, आप भी जुडिए, जानिए, क्या गांव-गांव का पुनर्वास हो चुका है ? क्या जनता व आंदालन के दावे सही है या शासन के ?
सत्य और संविधान के बल पर चलने वाली जनता और सत्ता के ताकत से डुबाने वाली सरकार के बीच की चुनौती देखने, समझने और साथ देने के लिए, जरूर आइए….. लोगों से ही सुनेंगें और नापेंगें पानी की ऊंचनीच लेवल और उसके साथ होने जा रही उथल-पुथल…… 12 अगस्त के रोज हम पहुंचेंगें राजघाट, नर्मदा किनारे, गांधी समाधि के पास (बडवानी)….. जहां से शुरू होगी अनिश्चितकालीन जीवन हक सत्याग्रह।
आइए….जुडिए जरूर…..अभी नही तो…..
कैसे पहुंचेंः- दिल्ली से प्रतिदिन रात 10ः15 निजामुददीन स्टेशन से चलने वाली इन्टरसिटी ट्रेन से अगले दिन दोपः 12ः00 बजे इंदौर पहुंचकर, वहां से 10 मिनट दूर स्थित सर्वेटे बस स्टेण्ड से हर आधा घण्टें में खलघाट एवं बडवानी के लिए बसें उपलब्ध है। इंदौर पहुंचने के लिए, दिल्ली, मुम्बई, बडौदा से हवाई उडान भी उपलबध है। बडौदा और भोपाल से बडवानी के लिए सीधे बस और पूना और मुम्बई से शाम की बसें (बडवानी से 1 घण्टा दूर झुलवानिया) और इंदौर के लिए ट्रेन उपलब्ध है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –
मुकेश – 09826811982, मीरा – 09179148973
और दिल्ली में – विमल भाई – 09718479517