बस्तर : बैलाडीला की 13 खदान अडानी को बेचने पर पचास हजार आदिवासी विरोध करने के लिए घरों से निकले; आज से अनिश्चितकालीन धरना शुरू
आज एनएमडीसी का घेराव करेंगे आदिवासी, पांच हजार आदिवासियों ने बेंगपाल में डाला डेरा
ग्रामीणों ने कहा- आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नही, सड़क और रेल भी रोकने की चेतावनी
छत्तीसगढ़ 7 जून 2019. दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के नंदाराज पहाड़ पर स्थित एनएमडीसी की डिपाॅजिट 13 नंबर खदान अडानी को दिए जाने का आदिवासियों ने विरोध शुरू कर दिया है। आदिवासियों ने कमर कस ली है। 6 जून 2019 को करीब 5 हजार से ज्यादा आदिवासियों ने बेंगपाल की ओर कूच किया। आज वे एनएमडीसी का घेराव करेंगे। आदिवासियों ने कहा कि सड़क के साथ रेलमार्ग भी रोकने की है तैयारी।
कुआकोंडा ब्लाक के दूरस्थ गांवों से बुधवार से ही ग्रामीण बैलाडीला के लिए निकल पड़े। इन्होंने रात सुरनार में बिताई और गुरुवार को अगले पड़ाव के लिए निकल पड़े। जन संघर्ष समिति ने शुक्रवार 7 जून को एनएमडीसी के घेराव का ऐलान किया है। जिसके लिए अन्य गांवाें से गुरुवार को भी बड़ी संख्या में ग्रामीण राशन पानी साथ लेकर पैदल बैलाडिला के लिए निकले। देर शाम तक वे किरंदुल के निकट बेंगपाल पहुंच गए। दोपहर बाद तक यहां करीब 5 हजार आदिवासियों ने डेरा डाला हुआ था।
अजीत जोगी भी शामिल होने पहुंचेंगे
इस आंदोलन में सामजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी भी शामिल होगी। इसके अलावा बताया जा रहा है कि जनता कांग्रेस जे के सुप्रीमो अजीत जोगी भी इस आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। अडानी के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने के लिए दंतेवाड़ा के अलावा बीजापुर और बस्तर जिले के आदिवासी भी बड़ी संख्या में बैलाडिला के लिए रवाना हो रहे है। ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार को पचास हजार आदिवासी एक साथ यहां प्रदर्शन करेंगे।
जन संघर्ष समिति करेगी अगुवाई
खदान को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति ने आंदोलन छेड़ा है। 7 जून से किरंदुल में एनएमडीसी दफ्तर के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया गया है। समिति के सचिव राजू भास्कर ने आरोप लगाया कि छलपूर्वक फर्जी ग्रामसभा का अनुमोदन करवा लिया गया है, ताकि खदान निजी हाथों में सौंपा जा सके। डिपॉजिट 13 में खनन के लिए जिस सैकड़ों एकड़ जंगल को काटने की तैयारी की गई है, उसमें आदिवासियों के देवी देवताओं का निवास है, आदिवासी किसी भी कीमत पर इसे उजड़ने नहीं देंगे।
अचानक अडानी को सौंपने की तैयारी
बैलाडीला के डिपाजिट 13 में 315.813 हेक्टेयर रकबे में लौह अयस्क खनन के लिए वन विभाग ने वर्ष 2015 में पर्यावरण क्लियरेंस दिया है। जिस पर एनएमडीसी और राज्य सरकार की सीएमडीसी को संयुक्त रूप से उत्खनन कार्य करना था। इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत संयुक्त उपक्रम एनसीएल का गठन किया गया था, लेकिन बाद में इसे निजी कंपनी अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड को 25 साल के लिए लीज हस्तांतरित कर दिया गया। डिपाजिट 13 के 315.813 हेक्टेयर रकबे में 250 मिलियन टन लौह अयस्क होने का पता जांच में लगा है। इस अयस्क में 65 से 70 फीसदी आयरन की मात्रा पायी जाती है.
credit : bhaskar