उड़ीसा : पुरी में हवाई अड्डा बनाने लिए पांच लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे
उड़ीसा सरकार ने पुरी जिले के समुद्र तट से लगते सिपसरुबुली क्षेत्र में एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की है। बंगाल की खाड़ी स्थित यह खूबसूरत जंगल पुरी जिले के सिपसरुबुली के क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जहां राज्य सरकार ने अभी हालही में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की है। इस समुद्र तट जंगल से पांच लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे जबकि यह समुद्र तट का जंगल चक्रवात रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या राज्य सरकार ने भुवनेश्वर से 60 किलोमीटर दूर इस हवाई अड्डे के लाभ / नुकसान का अनुमान लगाया है या कौन पूंजीपति इस भूमि को तटीय हवाई अड्डे के लिए लेने की कोशिश कर रहा है? अभी यह सवाल अनुत्तरित है।
केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने 1971 के चक्रवात के बाद ओडिशा के तट पर बार-बार टकराने वाले चक्रवात को रोकने के तरीके खोजने के लिए कोटेश्वर समिति और जल समिति का गठन किया था । इन दोनों समितियों ने सुझाव दिया कि समुद्र तट से एक किलोमीटर की दूरी तक सुस्त जंगल विकसित कर चक्रवात की तीव्रता को रोका जा सकता है। अब जब हर साल ओडिशा के तट पर अधिक गति के चक्रवात आ रहे हैं ऐसे में सरकारों की जिमेदारी अधिक तटीय जंगल विकसित करने की है लेकिन उड़ीसा सरकार तो यहाँ उल्टा इस समुद्र तटीय जंगल को नष्ट कर गैर जरुरी हवाई अड्डे बनाने के लिए लगी हुई है।
उड़ीसा सरकार ने ऐसी पर्यावरण विरोधी परियोजना की घोषणा पहली बार नहीं की है इस से पहले पोस्को परियोजना, नियमगिरि परियोजनाओं के समय भी हम देख चुके है।