समुद्र, तटों, अंतरदेशीय जल निकायों तथा मछली के स्रोतों की सुरक्षा के नारे के साथ नाव रैली
दोस्तों,
मतस्य उद्योग के बढ़ते सकंट के साथ-साथ समुद्र तथा उसके तटों से पारंपरिक मछुवारों को हटाया जा रहा है। समुद्रीय तटों पर पर्यटन उद्योग की ताकतों, रियल एस्टेट तथा अन्य निर्माण क्षेत्रों का कब्जा बढ़ रहा है और यहां से पारंपरिक मछुआरों के समुदाय को विस्थापित किया जा रहा है। इन संवेदनशील क्षेत्रों को खतरनाक प्रदूषणकारी जहाज तोड़ने के यार्डॆं में परिवर्तित किया जा रहा है। विदेशी मछली पकड़ने के यंत्रों पर, जो हमारे जल स्रोतों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ हमारे पारिस्थितिक तंत्र को भी नष्ट कर रही है, अब तक चाहे जिस भी पार्टी की सरकार रही हो सभी का मौन समर्थन रहा है। पारंपरिक मछुआरों के समुदाय के अधिकारों को एक-एक करके नष्ट किया जा रहा है।
जहां प्रशासन ने एक तरफ हाल में समुद्रीय संरक्षित क्षेत्रों और बफर जोन में (200 से 500 मीटर की गहराई वाले क्षेत्रों) मछली के शिकार पर प्रतिबंध, समुद्र तथा तटों पर बने विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज़), शार्क मछली के शिकार पर प्रतिबंध जैसे अनेकों प्रतिबंध पारंपरिक मछुआरों पर लगाए हैं वहीं दूसरी तरफ सभी सरकारें मछली पकड़ने की उन विदेशी नौकाओं को रोक पाने में असर्मथ साबित हुई हैं जो हमारे समुद्रीय संसाधनों को खत्म किए दे रही हैं।
इसी के संबंध में मछुआरों के समुदाय ने केरल स्वथंत्र मलस्याथोझिल्ले के नेतृत्व में एऩएफएफ तथा एडीएसजीएएफ के सहयोग से मंगलौर से लेकर तिरुवनंतपुरम तक एक नाव रैली का आयोजन किया है। इस रैली का नारा है समुद्र, तटों समुद्र, तटों, अंतरदेशीय जल निकायों तथा मछली के स्रोतों की सुरक्षा।
रैली की शुरुआत 21 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय मतस्य कर्मी दिवस के दिन की जाएगी। इसका उद्घाटन मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर द्वारा किया जाएगा। मैंगलोर से लेकर तिरुवनंतपुरम तक सभी मछली लैडिंग केंद्रों तथा मत्सय बंदरगाहों पर जनसभाएं की जाएंगी। रैली 30 नवंबर को सायं 6 बजे तिरुवनंतपुरम के शंघुमुघम तट पर पहुंचेगी। कार्यक्रम में बहुत से सामाजिक, राजनीतिक सांस्कृतिक तथा ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता शिरकत करेंगे।
हम आपसे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने की अपील करते हैं। चूंकि इस प्रस्तावित कार्यक्रम का खर्च बहुत ज्यादा है अतः हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि वह इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने सामर्थ्यानुसार इस कार्यक्रम के लिए आर्थिक सहयोग करें।
पीपी जान, केरल स्वथंत्रा मलस्याथोझिल्ले फेडरेशन (केएसएमटीएफ)
जैकसन पोल्लाइल, महासचिव, केरल स्वथंत्रथा मलस्याथोझिल्ले फेडरेशन (केएसएमटीएफ)
टी. पीटर, राष्ट्रीय सचिव, नैशनल फिश वर्कर फोरम (एनएफएफ)
आर्थिक योगदान भेजने का पता
एएलएकेएएल पाक्षिक,
अकाउंट नंबरः 020051 000800102,
आईएफएससी- IBKL 0046 T 01, बैंक- द थिरुवनंनतपुरम को-आपरेटिव बैंक, ब्रांच- पुथानछांथा, थिरुवनंनतपुरम
बोट मार्चः
21 नवंबर 2014 (शुक्रवार) – प्रातः 10 बजे- मैंगलोर (उद्घाटन-मेधा पाटकर), सायं 4 बजे- कसरगोडे कसबा बीच, सायं 6 बजे- नीलेस्वरम-मडक्कारा (विश्राम)
22 नवंबर 2014 (शनिवार)- प्रातः 11 बजे – कन्नूर-अझीकल, सायं 2 बजे- थालाशेरी थलई, सायं 6 बजे –महे (विश्राम)
23 नवंबर 2014 (रविवार)- प्रातः 10 बजे- कोझीकोड-चौम्बाला, 12 बजे- कोयलांडी, सायं 4 बजे-पुथीयप्पा, सायं 6 बजे- बेपुरे (विश्राम)
24 नवंबर 2014 (सोमवार)- प्रातः 10 बजे- मलप्पुरम् – प्रप्पानांगडी, 12 बजे- थनूर, सायं 6 बजे- पुन्नानी (विश्राम)
25 नवंबर 2014 (मंगलवार) – प्रातः 10 बजे- त्रिचूर-चेत्तुवा, सायं 4 बजे- अझीक्कोड, सायं 6 बजे- मुनामबम (विश्राम)
26 नवंबर 2014 (बुधवार) – प्रातः 10 बजे- ऐर्नाकुलम-व्यीपिन, प्रातः 11 बजे- कलमुक्कु (हार्बर), दोपहर 12 बजे- थोप्पुमपड़ी हार्बर, सायं 6 बजे- छेल्लानम (विश्राम)
27 नवंबर 2014 (वीरवार) – प्रातः 11 बजे- अल्लपुझा-ओट्टामाश्री, सांय 3 बजे –पुन्नप्रा, सायं 6 बजे कायामकुलम (विश्राम)
28 नवंबर 2014 (शुक्रवार) – प्रातः 10 बजे- कोल्लम-कोछुथुरुथु (अष्टमुंडी), सांय दो बजे- पडप्पाक्कारा, सायं 5 बजे- पेरुमोन- मुंडाक्कल (विश्राम)
29 नवंबर 2014 (शनिवार) – प्रातः 10 बजे- नींदाकारा, दोपहर 12 बजे- शक्थिकुलांगरा, सायं 6 बजे- थांगश्रे-वडी (विश्राम)
30 नवंबर 2014 (रविवार) – प्रातः 11 बजे- तिरुवनंतपुरम-अँचुथेंगु, सायं 4 बजे- शंघुमुघम बीच – जन सभा- कामरेड वी.एस. अच्युतानंद, प्रोफेसर के.वी. थामस सांसद (भूतपूर्व मंत्री), कामरेड पन्नियन रवींद्रम, श्री वी. मुरलीधरन, श्री. एम. इलैंगो, श्री. एस.पी.उदयकुमार, एफआर. यूजीन एच. परेरा इत्यादि जन सभाओं को संबोधित करेंगे।