पलामू वर्ल्ड लाइफ कॉरिडोर : गांव भी खाली करवाएंगे और जनता को आंदोलन से रोकने के लिए शासनादेश भी जारी करवाएंगे
झारखंड के लातेहर जिले के अंबिकापुर जंगलों में प्रस्तावित पलामू व्याघ्र परियोजना, वर्ल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाने के लिए इस क्षेत्र के आठ गांवों को खाली करवाने का आदेश दिया गया है। इस परियोजना के खिलाफ जेराम जेराल कुजूर द्वारा गांवों के लोगों के बीच परियोजना की सच्चाई बताते हुए उन्हें आंदोलन के लिए तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक, विशेष शाखा, झारखंड द्वारा पुलिसी अधीक्षक, लातेहर, गुमला को बकायदा एक पत्र लिखकर जेरोम जेराल कूजुर को इन गांवों में जाने से रोकने का आदेश जारी किया गया है। हम आपके साथ यहां इस बाबत राकेश रोशन कीरो की टिप्पणी तथा शासनादेश की प्रति साझा कर रहे है;
संविधान के अनुच्छेद 19 (1) क , ख में प्रदत्त वाक अभिव्यक्ति और शांतिपूर्ण सभा सम्मलेन करने के मौलिक अधिकारों का कोई व्यक्ति सही तरीके से उपयोग भी करता है तब भी इससे सरकार और तंत्र को डर है की इसका उपयोग कहीं उसकी सत्ता को न उखाड़ फेंके ।
आज मिली खबर के अनुसार नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी केंद्रीय जनसंघर्ष समिति के केंद्रीय सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर और मनिका के संघर्षशील युवा साथी सुनील कुजूर की गतिविधियों के ऊपर विशेष शाखा ने पत्र जारी किया है और कहा है कि अमुक दोनों लोग स्थानीय आदिवासियों की भीड़ जुटाकर उन्हें व्याघ्र परियोजना और सरकार के खिलाफ भड़कायेंगे ।
केंद्रीय जनसंघर्ष समिति पिछले 25 वर्षों से नेतरहाट क्षेत्र में प्रस्तावित नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के खिलाफ विस्थापन की लड़ाई लड़ रही है जिससे की लातेहार और गुमला जिले के 245 गावों का विस्थापन संभावित है । पिछले दिनों इसने पलामू व्याघ्र परियोजना से विस्थापित होने वाले गावों की लड़ाई को भी अपने एजेंडे में शामिल किया है और अपने कार्यक्षेत्र का भी विस्तार किया है । अब लड़ाई की जमीन और भी बड़ी हो गयी है ।
इतना तो तय है की आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले विस्थापन की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर ऐसे हमले और भी बढ़ेंगे ।। विगत दिनों 20 लोगों पर देशद्रोह के मामले और पूरे देश में सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां बस एक नमूना भर है ।
एक और सोचनीय प्रश्न — कहीं ऐसा तो नहीं की हमारे समाज और हमारे बीच में से ही कोई सरकार के दलाल की भूमिका निभा रहा हो? इससे भी कतई इंकार नहीं किया जा सकता ।
खैर जो भी हो विस्थापन के विरुद्ध लड़ाई में और झारखण्ड को बचाने की मुहिम में हम सभी को जेरोम जेराल्ड कुजूर और सुनील कुजूर जैसे समर्पित साथियों के साथ डट कर खड़ा रहना होगा ।