संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

पंजाब विधानसभा में NPFAM के खिलाफ पारित प्रस्ताव का SKM ने किया स्वागत

सभी मुख्यमंत्रियों से एनपीएफएएम को खारिज करने की अपील

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब विधानसभा द्वारा राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति रुपरेखा (एनपीएफएएम) को खारिज करने के प्रस्ताव को पारित करने के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया और इसे कॉर्पोरेट नीतियों के खिलाफ लोगों को एकजुट करने की एक उपलब्धि बताया।

आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा उठाया गया और विपक्षी दलों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया साहसी कदम बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े निगमों के लिए एक बड़ा झटका है। इस प्रकार पंजाब ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा-एनडीए सरकार द्वारा थोपी जा रही कॉर्पोरेट नीतियों के खिलाफ पूरे देश के लोगों का नेतृत्व करने के अपने दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है।

एनपीएफएएम राज्य सरकारों के अधिकारों पर एक खुला हमला है। भारत के संविधान के अनुसार; कृषि एक राज्य का विषय है और केंद्र सरकार को राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए और एकीकृत राष्ट्रीय बाजारों के ऐसे नीतिगत रुपरेखा के माध्यम से हुक्म नहीं चलाना चाहिए। हालाँकि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी संघीय ढांचे, जो भारत के संविधान की आधारशिला है, को नष्ट करके भारत भर में कृषि उत्पादन और विपणन के कॉर्पोरेट अधिग्रहण को सुविधाजनक बनाने पर आमादा हैं।

एसकेएम ने भाजपा पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े निगमों के हितों की रक्षा करने वाली पार्टी होने का आरोप लगाया और कहा कि उसे किसानों और पूरे मेहनतकश लोगों के हितों की बिल्कुल भी परवाह नहीं है।

एसकेएम ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वे प्रस्तावित एनपीएफएएम को खारिज करें और कृषि के निगमीकरण के खिलाफ किसानों के संघर्ष में उनका समर्थन करें तथा राज्य सरकारों के संघीय अधिकारों की रक्षा करें।

एसकेएम ने कॉरपोरेट शोषण के खिलाफ पंचायत/गांव स्तर पर किसानों को एकजुट करने तथा एनपीएफएएम को खारिज करने, सभी फसलों के लिए गारंटीकृत खरीद के साथ सी2+50% की दर से एमएसपी के लिए कानून बनाने तथा अन्य मांगों को प्राप्त करने के लिए 2020-21 के ऐतिहासिक किसान संघर्ष से भी बड़ा और देशव्यापी संघर्ष खड़ा करने के लिए पूरे देश में व्यापक अभियान चलाने का संकल्प लिया है। पंजाब विधानसभा का निर्णय पूरे भारत के किसानों को कॉरपोरेट विरोधी संघर्षों को तेज करने के लिए प्रेरित करेगा।

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मीडिया सेल , संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी 

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