संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

झारखण्ड : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी संघर्ष के ऐतिहासिक सबक

सेना के गोला-बारूद की मारक क्षमता की जांच के लिए झारखंड के नेतरहाट में की जाने वाली चांदमारी करीब छह दशक बाद आखिर अब बंद होने जा रही है। आम तौर पर पिछडे, अशिक्षित माने जाने वाले लोगों की यह ऐतिहासिक जीत, उस इलाके के ग्रामीण-आदिवासियों की लंबी, लगातार चली एकजुटता और संघर्ष ने हासिल की है। प्रस्तुत है, इस संघर्ष की दास्तान पर आधारित कुमार कृष्णन का…
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कोयले से बिजली, बिजली से राखड़ और राखड़ से तबाही

-दीपमाला पटेल और ध्वनि शाह हमारे यहां बिजली के लिए कोयले का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है, लेकिन उससे पैदा होने वाली…

गोम्पाड नरसंहार मामले पर उच्चतम न्यायालय का यह फैसला नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत को…

14 जुलाई 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने 2009 के एक मामले में हिमांशु कुमार और बारह अन्य लोगों द्वारा दायर एक रिट

नर्मदा नव निर्माण अभियान पर फर्जी मुकदमा उनके ऐतिहासिक संघर्ष को बदनाम नहीं कर…

नर्मदा नव निर्माण अभियान पर फर्जी मुकदमे के खिलाफ जनसंघर्ष समन्वय समिति का वक्तव्य मेधा पाटकर और नर्मदा नव निर्माण…

वन जमीन डायवर्जन नियम में संशोधन : कारपोरेट के सामने नतमस्तक सरकार

मोदी सरकार की “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” नीति के तहत केंद्रीय वन, पर्यावरण एव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 28 जून 2022 को वन सरंक्षण अधिनियम 1980 के नियम में संशोधन किया है। नियमों में संशोधन के अनुसार वन जमीन को निजी पूंजी-कंपनियों के लिए डायवर्जन के सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही की जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार तथा संवैधानिक ग्रामसभा की…
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झारखण्ड : स्वामित्व योजना के खिलाफ रांची में संघर्ष संकल्प गोष्ठी; 9 जुलाई 2022

संघर्ष संकल्प गोष्ठी दिनांक: 9 जुलाई 2022 समय : 10 बजे से स्थान : एचआरडीसी रांची, खजूर तालाब के पास।…

संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट और दमन को साझे संघर्ष ही दे पायेंगे चुनौती : भूमि अधिकार…

रायपुर 28 जून 2022, पेस्टोरल सेंटर में भूमि अधिकार आंदोलन एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के बैनर तले जल-जंगल-ज़मीन की…

सौ साल बाद भी संघर्षों को दिशा दिखाता मुलशी सत्याग्रह

कम ही लोगों को मालूम होगा कि विस्थापन-पुनर्वास से लेकर विकास की अवधारण तक पर सवाल उठाने वाली बांध विरोध की ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की लडाई सौ साल पुराने ‘मुलशी सत्याग्रह’ की विरासत का ही एक पड़ाव है। उस जमाने में ‘टाटा कंपनी’ के बांध के खिलाफ चले इस लंबे संघर्ष को लेकर पत्रकार और आंदोलनकारी विनायकराव भुस्कुटे की मराठी में लिखी किताब ‘मुलशी सत्याग्रह’…
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