प्रफुल जी की याद में………………….
बड़े शौक से सुन रहा था जमाना
तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते…………….
प्रफुल जी को याद करते हुए
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी बेबाक तथा जनपक्षधर लेखन के लिए अपनी एक अलग पहचान रखने वाले पत्रकार प्रफुल बिदवई जी हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी यादें अभी भी मौजूद हैं। उन्हीं यादों को आपस में साझा करने के लिए प्रफुल जी की याद में 8 जुलाई को शाम 6 बजे से 8 बजे तक एक स्मृति समारोह आयोजित किया जा रहा है । उम्मीद है कि आप सब उसमें भागीदारी करेंगे।
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