अक्टूबर क्रांति का सौंवा साल; चिंगारी अब बने मशाल
साथियों,
यह साल महान अक्टूबर क्रांति का शताब्दी वर्ष के तौर पर पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। 7 नवंबर 1917 को हुयी रूसी क्रांति ने दुनिया के मेहनतकशों के सामने मुक्ति का एक प्रकाश-स्तम्भ स्थापित किया। जिससे प्रेरणा पाकर 1950 के दशक में दुनिया के एक तिहाई हिस्से में मेहनतकशों का प्यारा लाल झण्डा अपने पूरे वेग में फहर रहा था। इस पूरे दौर में और खासतौर से सोवियत संघ के विघटन के बाद साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा समाजवादी समाजों के बारे में कई भ्रामक प्रचार पूरी दुनिया में फैलाने की कोशिशें की गयी। यही नही पूंजीवाद के अजेय होने व ‘दुनिया के अंत’ सरीखी बातें भी पूंजीवादी बुद्धिजीवियों द्वारा की जाने लगी।
परंतु 2007 में आए सबप्राइम संकट व उसके बाद पूरी दुनिया के आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक हालात इस ओर इशारा करते हैं कि विश्व पूंजीवादी व्यवस्था घोर संकटों का शिकार है। इन संकटों से निकलने के लिए पूंजीपति वर्ग तेजी के साथ फासीवादी ताकतों की गोद में बैठता जा रहा है। यह संकट बढ़ती बेरोजगारी, सामाजिक मदों में सरकारों द्वारा की जा रही कटौती तथा मेहनतकश जनता के लगातार घटते जीवन स्तर के रूप में भी अपने आप को अभिव्यक्त कर रहा है। ऐसी विकट परिस्थितियों में जनता नए विकल्पों की तलाश में पूंजीवादी शासकों द्वारा निरंतर छली जा रही है।
अक्टूबर क्रांति के शताब्दी वर्ष के मौके पर आज जरूरत बनती है कि समाजवादी क्रांति के संदेश को आम जनमानस तक ले जाया जाए। पूंजीवादी व्यवस्था के विकल्प के बतौर समाजवादी व्यवस्था को खड़ा किया जाए। इसी उद्देश्य से विभिन्न संगठनों द्वारा 18 दिसम्बर को ‘अक्टूबर क्रांतिः सबक और प्रासंगिकता’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। आप सभी साथियो से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर सेमिनार को सफल बनाए।
सेमिनार
विषय- ‘अक्टूबर क्रांतिः सबक और प्रासंगिकता’
दिनांक- 18 दिसम्बर, रविवार
समय- सुबह 10 बजे से 5 बजे तक
बारात घर आजादपुर गांव
(आजादपुर बस टर्मिनल के निकास गेट के बगल से जाने वाली गली में) आजादपुर मेट्रो स्टेशन के पास (येलो लाइन)
आयोजक
अक्टूबर क्रांति शताब्दी वर्ष समारोह समिति
(घटक संगठन- इंकलाबी मजदूर केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन,प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र)
जन संघर्ष मंच, हरियाणा
सम्पर्क- हरीश 9654298344