डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह
टाटा कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत कुछ बुनियादी विकास के लिए काम करे। आज तक कोई ठोस काम नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि इन क्षेत्रों के विकास के लिए भविष्य की योजना ही नहीं है। अंग्रेजो के शासन काल से झारखंड की जल, जंगल, जमीन और खनिज के दोहन के बदले आदिवासी-मूलवासी के विकास के लिए व्यापक योजना चाहिए थी।
हमारी मांग निम्न है –
- टाटा कंपनी अतिक्रमित 102 एकड़ जमीन की क्षतिपूर्ति दी जाये।
- डिमना बांध में अन-अधिग्रहित मौजा पुनसा के 3.84 एकड़ और लायलम के 1.99 एकड़ जमीन के फसल के नुकसान की क्षतिपूर्ति देे।
- डिमना बांध के विस्थापितों को बकाया मुआवजा, नौकरी और पुनर्वास की व्यवस्था की जाय।
- टाटा कंपनी के द्वारा विस्थापित परिवारों को डिमना के पानी के उपयोगिता मूल्य या लाभ का आधा हिस्सा दिया जाए।
- डिमना बांध में नौकाचालन और मत्स्य पालन का अधिकार विस्थापितों के समूह को दिया जाये।
- टाटा स्टील के कर्मचारियों की तरह विस्थापित परिवारों को भी नौकरी, चिकित्सा और शिक्षा की सुविधायें दी जायें।
- डिमना बांध के किनारे अमरी पौधे की झाड़ियो को नियमित रूप से साफ किया जाये।
- डिमना बांध के किनारे-किनारे लिफ्ट-इरिगेशन द्वारा सिंचाई की व्यवस्था की जाये।
- कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत विस्थापित इलाको में ग्राम सभा की सहमति से विकास कार्य किया जाय।
30 सितम्बर और 1 अक्टूबर को डिमना बांध, हैलीपैड पिकनिक स्थल के समीप जल सत्याग्रह होगा। 02 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर अगली कार्रवाई तय होगी। आप सभी स्थल पर उपस्थित होकर निर्धारित कार्यक्रम को सफल बनावें।
निवेदक
झाड़खंड मुक्ति वाहिनी विस्थापित गांव की ग्राम समितियां
आधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 9934181240
9504141047
7762933562
9430713591
9430354341
जल सत्याग्रह की तसवीरें :https://www.facebook.com/mukti.vahini/posts/1411026209126284