आजीवन कारावास की सजा झेल रहे मारूती मजदूरों की मदद के लिए आगे आए बेल्लसोनिका फैक्ट्री के मजदूर
मेहनतकश वर्ग ही नए समाज का निर्माण कर सकता है। अलग-अलग उदाहरणों से ये बात सामने आती रहती है। इनमें एक और उदाहरण जुड़ चुका है। पूरे शासक वर्ग ने अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करने वाले 13 मारूति मजदूरों को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर उन्हें जेल में डाल दिया था। बिना सबूतों के बावजूद उन्हे न्यायलय द्वारा कसूरवार मान लिया गया क्योंकि उन्होने पूंजीपति वर्ग के मुनाफे की राह में रोड़ा अटकाने की कोशिश की। परंतु गुड़गांव के साथ-साथ पूरी दुनिया के मजदूर, जिन्हें भी मारूति मजदूरों के संघर्ष के बारे में पता है वो जानते हैं कि मारूति के मजदूर दुनिया की सबसे न्यायपूर्ण लड़ाई लड़ने की सजा भुगत रहे हैं।
आजीवन कारावास की सजा के बाद 13 मजदूरों के परिवारों के बारे में इस देश के शासक चुप्पी लगाए बैठे हैं। वो चाहे जिए या मरे इससे शासकों को क्या फर्क पड़ता है। परंतु मजदूर वर्ग इस सवाल को टाल नही सकता। उसे इस सवाल का जवाब ढूंढ़ना ही होगा। और इसी का जवाब देने के लिए ‘बेलसोनिका’ फैक्ट्री के मजदूरों ने आगे कदम बढ़ाया। फैक्ट्री के हर मजदूर ने अपनी तनख्वाह से 1000-1000 रूपये इकट्ठा करके यूनियन में जमा करवाए। इस प्रकार जमा हुए 6 लाख 25 हजार रूपयों को मारूति के 13 मजदूरों के परिवारों को उनके घर जाकर ‘बेल्लसोनिका’ यूनियन द्वारा पहुंचाया गया। हर एक परिवार को 48076 रूपये मजदूरों के तरफ से मदद के तौर पर दिए गए।
ये एक छोटा प्रयास है। शायद कुछ दिनों तक मजदूरों के परिवारों की इससे मदद हो जाए। परंतु जब तक मारूति के मजदूर जेल में कैद हैं और जब तक मजदूरों के शोषण पर आधारित ये पूंजीवादी व्यवस्था मौजूद है तब तक मजदूर वर्ग को इसी वर्गीय एकता के साथ अपने संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।
प्रस्तुत है बेलसोनिका की ट्रेड यूनियन द्वारा जारी बयानः
बेल्लसोनिका
18 जुलाई 2017 को मारुती बरषि पर घोषणा की थी की बेल्लसोनिका से जो भी मदद हो सकेगी हम करेंगे। तो बेल्लसोनिका के लड़कों ने 1000-1000 रुपए इकठ्ठे करके जेल में बंद साथयों की छोटी सी मदद की। जो की 625000 रुपए इकठ्ठे हुए और 13 साथयों के हिस्से में 48076 रुपए आये। यूनियन बॉडी ने 16.12.2017 को 2 टीम गठित करके जेल में बंद मजदूरों के परिवार वालो से मिलकर और उनके घर वालो को चेक देकर ये छोटी सी मदद की। टीम ने इस प्रकार काम किया:- टीम 1- अजित(उपप्रधान) जसबीर (महासचिव ) राजेश (प्रचार सचिव ) और इनके साथ मारुती मानेसर से अजमेर और विकाश भी थे। जो मानेसर से झझर रोहतक होते हुए जींद में रहने वाले 7 साथियो के घर जाकर घर वालो का हौसला बढ़ाते हुए चेक दिए।
टीम 2- अतुल (प्रधान), मोहिंदर कपूर (सचिव), राजपाल रावल (क़ानूनी सलाहकार ) और मारुती से परवीन शामिल थे। जो मानेसर से सोनीपत शामली (up) होते हुए लाडवा में रहने वाले 4 साथी के घर जा कर घर वालो का हौसला बढ़ाते हुए चेक दिए ।
इंकलाबी मजदूर केंद्र की फेसबुक वॉल से