महाराष्ट्र : गडचिरोली में विस्थापन विरोधी संघर्ष को मजबूत बनाने का ऐलान
खदान पहाड़ और नदियों का विनाश है, खदान संस्कृती का विनाश है, खदान जल-जंगल-जमीन का विनाश है, खदान आदिवासियों एवं अन्य समुदायों का विनाश है.”
सुरजागड़ पहाड़ क्षेत्र में आयोजित ठाकुर देव यात्रा और अधिकार सम्मेलन में “हमें खदान नहीं चाहिए” के नारे में विस्थापन विरोधी संघर्ष को मजबूत बनाने का हुआ ऐलान.
- सुरजागड़ में लोयड्स मेटल द्वारा जबरन शुरू की गयी खदान तुरंत बंद की जाये.
- सुरजागड़ में प्रस्तावित गोपानी कंपनी, दमकोंडवाही में प्रस्तावित जे.एस.डब्लू. कंपनी, और झेंडेपार में प्रस्तावित खनन प्रस्ताव तुरंत रद्द किये जाये.
- क्षेत्र में शाश्वत रोजगार निर्माण के लिए लघु वन उपजों पर आधारित ग्रामसभाओं के अधिकारों में लघु उद्दोग निर्मित किये जायें।
- महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा १५ नवंबर २०१७ को पेसा क्षेत्र में भूमिअधिग्रहण को लेकर जारी की गयी अधिसूचना तुरंत रद्द की जाये.
- पेसा एवं वन अधिकार कानून का प्रभावी अमल किया जाये और ग्रामसभयों की सार्वभौमता को मानी किया जाये.
- जनविरोधी खनन नीतियों का जनतांत्रिक तरीकों से विरोध कर रहे स्थानिक जनता, आन्दोलन कर्मियों पर पुलिसी दमन तो तुरंत रोका जाये, मारपीट-फर्जी मुकदमे लगाना तुरंत बंद किया जाये, आदिवासी क्षेत्र में बढ़ता सैनिकीकरण रोक दिया जाये.
आदि मुद्दों पर पारित किये गए प्रस्ताव.
सुरजागड़, एटापल्ली (जिला: गडचीरोली):
जल-जंगल-जमीन, पहाड, नदी-नाले ये ही हमारी असली संपदा है, इन्ही नदी-पहाड़ो में हमारे भगवान है, हमारे श्रद्धास्थल है. वन संसाधनों पर आधारित रोजगार और देवी-देवतायों के सहवास के वजह से ही यहाँ की संस्कृती और आदिवासींयों की संपन्नता टिकी हुई है. विकास के नाम पर पुरे गडचिरोली जिल्हे में अगर खदाने होती है तो भारी मात्रा में वनसंपदा नष्ट हो जाएगी. स्थानिक आदिवासी एवं अन्य समुदायों को विस्थापन की मार झेलनी पड़ेगी. इसीलिये गडचिरोली जिले में शुरू की गयी और प्रस्तावित सभी खदानों को तुरंत रद्द किया जाये ये ऐलान गडचिरोली जिल्हे के एटापल्ली तहसील में सुरजागड़ पहाड़ क्षेत्र में आयोजित “ठाकुर देव यात्रा, सुरजागड़ वार्षिक महोत्सव एवं अधिकार सम्मेलन” में किया गया. विस्थापन एवं जनविरोधी विकास नीतियों के खिलाफ जनतांत्रिक संघर्ष को और भी मजबुत बनाने का हुआ आगाज. संस्कृती की रक्षा के लिए, जल-जंगल-जमीन,संसाधनों पे अधिकार के लिए, जन केन्द्रित विकास के निर्माण के लिए, मुक्ति के संघर्ष को आगे ले जाने का संकल्प हजारों की तादात में जमा हुयी जनता द्वारा लिया गया.