’मांगोगे पानी खाओगे गोली’- महाराष्ट्र सरकार
सरकारें किसानों को अन्नदाता-भूमिपुत्र कहकर उनका मान बढ़ाती हैं, लेकिन जब वे अपने खेतों में अन्न पैदा करने के लिए पानी मांगते हैं तो उन्हें गोली मारने में जरा भी देर नहीं लगाती है। ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया। किसान पिछले कई दिनों से पवना पाइप लाइन का विरोध कर रहे थे पंरतु सरकार ने किसानों की मागों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब अगस्त क्रांति दिवस (9 अगस्त 2011) को मावल के किसान पाइप लाइन के कार्य के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने किसानों पर फायरिंग की जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। पुलिस फायरिंग का शिकार 29 साल का एक किसान श्याम राव तुपे भी हुए हैं, जो अपनी एक बीधा जमीन बचाने में जुटे थे। श्याम राव पर अपने परिवार के 11 लोगों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी और अब उनकी मौत के बाद उनके परिवार के भूखों मरने की हालात पैदा हो गई है।