बनवारी लाल शर्मा: एक क्रान्तिधर्मी को भावभीनी श्रधांजलि
इसी सिलसिले में एक फरवरी २००१ को ३०० किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला इलाहाबाद से वाराणसी, वाराणसी से जौनपुर और जौनपुर से इलाहाबाद का आयोजन किया, जिसमे स्कूल के बच्चों, शिक्षकों के अलावा अन्य कार्यकर्ता और आम जन शामिल हुए | मानव श्रृंखला ने सथारिया के पेप्सी प्लांट और रजातालाब में कोका कोला के प्लांट को घेरा जो की बढ़ते वैश्वीकरण और उपभोक्तावाद के प्रतीक थे |
भारत के परमाणु हथयार के कार्यक्रम और परमाणु उर्जा के संयत्र का उन्होंने हमेशा विरोध किया और परस्पर लोगों को लामबंद करने और साथ लाने की कोशिश की | पिछले कुछ सालों में उन्होंने विभिन्न यात्राओं के द्वारा जैतापुर, कूदंकुलम, फतेहाबाद, चुट्खा परमाणु परियोजनों के खिलाफ वहाँ चल रहे संघर्षों को समर्थन ही नहीं दिया बल्कि सरकार के ऊपर एक दवाब भी बनाया | अन्याय के प्रति लड़ने को हमेश तत्पर बनवारी लाल जी ने शांति और न्याय यात्रा के जरिये छत्तीसगढ़ में हो रही हिंसा के विरोध में भी आवाज़ उठाई और शांति की पहल की |
NAPM के साथ बनवारी लाल जी का शुरूआती दौर से ही साथ रहा | शुरुआत के दिनों में वे राष्ट्रीय समनव्यक भी रहे और एनरोन विरुद्ध संघर्ष, पलाचिमादा कोका कोला संघर्ष, नर्मदा बचाओ आंदोलन आदि कई संघर्षों में साथ रहे और हाल में जन संसद की प्रक्रिया में साथ साथ रहे |
बनवारी लाल जी एक समाजसेवी के साथ साथ गणित के माने हुए विद्वान भी थे | यही कारण भी है की अपने पीछे वे एक तैयार की हुई कार्यकर्ताओं की पूरी टोली छोड़े जा रहे हैं | आज़ादी बचाओ आंदोलन ही नहीं पूरे देश के अन्य आंदोलनों के युवा और हमउम्र कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा लगे रहे एक समतामूलक और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में | पूरे देश घूमना और वहाँ की खबर एक तत्पर दूत की भांति तुरंत पहुँचाना कोई उनसे सीखे | बलाश नाम से वे ‘नई आज़ादी’ मुखपत्र में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में लिखते और जन संसाधनों के सुरक्षा और समुदायों के हक़ के लिए लड़ते | साम्प्रदायिकता विरोधी आंदोलन में बढ़ चढ़ कर उन्होंने अपनी भूमिका निभाई |
जन आंदोलनों के साथियों को उनकी कमी बहुत ही खलेगी | उनका निधन एक अहम पड़ाव है निजी कंपनियों के खिलाफ हमारी लड़ाई में | जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की ओर से हम उन्हें भाव भीनी श्रधांजलि देते हैं उनके संघर्षों को नमन करते हुए उनके आत्मा की शान्ति की कामना करते हैं |
मेधा पाटकर, प्रफुल्ल समंतारा, डॉ सुनीलम, अरुंधती धुरु, पी चेन्निया, गाब्रिएले डिएट्रिच, सिस्टर सीलिया, सुधीर वोम्बत्केरे, संदीप पाण्डेय, सुनीति एस आर, सुहास कोल्हेकर, उल्का महाजन, रोमा, सुभाष लोमते, आनंद मज्गओंकर, गौतम बंदोपाध्याय, रामकृष्ण राजू, सरस्वती कवुला, विमल भाई, राजेंद्र रवि, भूपिंदर सिंह रावत, श्रीकांत, सीला मनस्वीनी, मधुरेश कुमार