यह कैसी तरक्की है शोषण की ये चक्की है : दिल्ली मेट्रो रेल कामगार यूनियन
- ठेका कम्पनी ट्रिग द्वारा निकाले गये सभी मजदूरों को काम पर वापस लिया जाये।
- ठेका कम्पनी के टेण्डर समाप्त होने पर भी कार्यरत कर्मचारियों को बहाल किया जाये।
- ठेका कानून (नियमिकरण और उन्मूलनद्) 1970 को लागू कर कर्मचारियों की स्थायी नियमित सुनिश्चित की जाये और सभी श्रम कानून को सख्ती से लागू किया जाये।
मेट्रो मजदूर लम्बे समय से डीएमआरसी और ठेका कंपनियों की मिलीभगत के खिलाफ संघर्ष चला रहे हैं। इस संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए क़ानून का सहारा लेते हुए डीएमआरकेयू सभी मेट्रो मजदूरों की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर रहा है जिसके तहत स्थाई प्रकृति के काम में ठेका मज़दूरों को रखना क़ानूनन गलत होगा। इस प्रदर्शन में दिशा छात्र संगठन की और से नुक्कड़ नाटक मशीन का मंचन किया गया। मजदूरों की ज़िन्दगी को हाल बयां करने और उसे बदलने के रास्ते को बताने वाला नाटक मेट्रो मजदूरों की ज़िन्दगी की भी कहानी बयां करता है। कई जन संगठन, यूनियन और मजदूर कार्यकर्ता भी इस प्रदर्शन में शामिल थे। प्रदर्शन के दौरान दिशा छात्र संगठन के सनी, नौजवान भारत सभा के योगेश और करावल नगर मजदूर यूनियन के नवीन ने भी बात रखी।
दिल्ली मेट्रो रेल कामगार यूनियन के अजय बात रखते हुए |
बिगुल मजदूर दस्ता की शिवानी बात रखते हुए |
डी एम आर सी का पुतला दहन |