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परमाणु पॉवर प्लांट विरोधी आंदोलन
जैतापुर न्यक्लियर पॉवर प्लांट : कथा विकास की या विनाश की ? (भाग दो )
कल हमने आपके साथ जैतापुर न्यूक्लिर पावर पार्क की जमीनी स्थिति पर लिखी गई अभिषेक रंजन सिंह की ग्राउंड रिपोर्ट का पहला भाग साझा किया था। प्रस्तुत है उस रिपोर्ट का दूसरा और अंतिम भाग;
महाराष्ट्र के रत्नागिरी शहर से 60 किमी. दूर स्थित जैतापुर गांव में विश्व की सबसे बड़ी परियोजना सन् 2005 में न्यूक्लियर पॉवर पार्क नाम से प्रस्तावित की गई। गांव वालों…
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जैतापुर न्यक्लियर पॉवर प्लांट : कथा विकास की या विनाश की ?
महाराष्ट्र के रत्नागिरी शहर से 60 किमी. दूर स्थित जैतापुर गांव में विश्व की सबसे बड़ी परियोजना सन् 2005 में…
भारत-जापान परमाणु समझौते के विरोध में खड़े हो रहे आदिवासी, किसान मछुआरे
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 11 से 13 दिसम्बर 2015 को तीन दिनों की यात्रा पर भारत आएँगे। इस दौरान उनके बनारस…
फुकुशिमा अब और नहीं : भारत-जापान परमाणु समझौते का विरोध करें !
जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंज़ो आबे की आगामी भारत-यात्रा के दौरान परमाणु डील होने की खबर है जिसका भारत और जापान दोनों देशों में आम लोग विरोध में उतर चुके हैं. जापान के फुकुशिमा में परमाणु दुर्घटना थमने के आसार नज़र नहीं आ रहे फिर भी जापानी कंपनियों के फायदे के लिए वहाँ की सरकार दूसरे देशों को परमाणु तकनीक निर्यात करने पर आमादा है, जिसका…
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भारत में ऊर्जा परिद्रश्य एवं बिजली परियोजनाएं पर विमर्श; 4-5 नवम्बर 2015 जबलपुर
आज भारत को भावी सुपर पॉवर कह कर परिभाषित किया जा रहा है इसके साथ ही ऊर्जा की आवश्यकता भी अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ रही…
विकास की कीमत चुकाते रावतभाटा के आदिवासी : परमाणु प्लांट से हो रही बीमारियों पर एक…
राजस्थान के रावतभाटा में छह परमाणु ऊर्जा संयंत्र काम कर रहे हैं जबकि दो नए प्लांटों और अनु-ईंधन प्रसंस्करण यूनिट…
परमाणु बिजली परियोजना के खिलाफ चुटका में विरोध सभा
जबलपुर (मध्य प्रदेश ) जून 1, 2015 । कल दिनांक 31 मई 2015 को परमाणु बिजली परियोजना के खिलाफ चुटका में हुई स्थानीय लोगों की विरोध सभा में शामिल होने के बाद वैज्ञानिक सौम्य दत्ता और परमाणु-विरोधी आन्दोलनों के राष्ट्रीय मंच सीएनडीपी से जुड़े शोधकर्ता कुमार सुन्दरम् ने जबलपुर में प्रेस वार्ता की और चुटका परियोजना के खतरों से आगाह किया।
डॉ सौम्य दत्ता…
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पोखरण: राष्ट्रीय स्वाभिमान बनाम राइट हैण्ड ड्राईव
पोखरण परमाणु परीक्षणों का विरोध सिर्फ शान्ति के सरोकार से नहीं बल्कि इस देश के लोकतंत्र के लिहाज़ से भी ज़रूरी है.…
परमाणु ‘स्वच्छ’ ऊर्जा से गंदा होता पर्यावरण
आज से करीब 50 वर्ष पूर्व आस्ट्रेलिया में परमाणु हथियारों के लिए हुए परीक्षणों की वजह से वहां के देशज निवासी एवं…
‘परमाणु-मुक्त भारत’ के लिए राष्ट्रीय अभियान : कन्याकुमारी से कश्मीर रेल यात्रा, नवम्बर 7 से 17, 2014
हमारी प्रकृति और भविष्य को बचाने का संघर्ष
हम शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर दें कि हम अपने सभी देशवासियों, खासकर गरीबों समेत, अपने देश का विकास चाहते हैं. इसलिए हम ऊर्जा उत्पादन करने वाली योजनाओं और प्रकल्पों का समर्थन करते हैं.
हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि हमें ऊर्जा का उत्पादन सूरज, वायु, जलधाराओं और कचरे इत्यादि से करना चाहिए ताकि हमारी…
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