संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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पॉवर प्लांट

दुखयारे के दुःख को दुखयारा समझे

कुडमकुलम के परमाणु संयत्र विरोधी आंदोलन पर किये जा रहे दमन के खिलाफ रावत भाटा परमाणु संयत्र के श्रमिकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. अणु शक्ति डी आर मिक संघ (रावत भाटा) श्रमिक हितों के लिये परमाणु संयंत्र प्रबंधन की मनमानियों से जूझ रहा है. श्रमिक संघ ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है. जिसकी शुरुआत कुडमकुलम के…
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कुडनकुलम में पुलिसिया दमन के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन

कुडनकुलम में आज सुबह दूसरे दिन भी जल सत्याग्रह जारी है. सरकार ने समुद्र में जला सत्याग्रह कर रहे मछुआरों पर नौसेना…

कूडनकुलम में शुरू हुआ जल सत्याग्रह

11 सितम्बर 2011 आज सुबह से तीन हज़ार आम लोग कूडनकुलम में समुद्र के पानी में 'जल सत्याग्रह' कर रहे…

कूडनकुलम: रिएक्टर का धेराव कर रहे लोगों पर बर्बर लाठी चार्ज

कूडनकुलम से आ रही सूचना के मुताबिक़ वहाँ समुद्र और रिएक्टर के बीच प्रदर्शन पर जमे लोगों पर पुलिसिया दमन शुरू हो चुका है. पुलिस लाठी चार्ज और आंसू गैस से लोगों को हटाने की कोशिश कर रही है. ज्ञात हो कि लगभग बीस हज़ार लोग पिछले चौबीस घंटों से कूडनकुलम परमाणु रिएक्टर की पूर्वी दीवार के पास प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने 11 सितम्बर को इस रिएक्टर में…
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करछना में किसानों की महापंचायत : जमीन नहीं देने का सकल्प दोहराया

इलाहाबाद के करछना तहसील के दस गाँवों के किसान 22 अगस्त को अपनी खेती की जमीन बचाने और पुलिल दमन के विरोध में…

परमाणु-ऊर्जा पर जन-सुनवाई: आमलोगों ने किया विनाश और दमन का विरोध

22 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित परमाणु ऊर्जा पर जन-सुनवाई में सरकार की परमाणु ऊर्जा नीति की आलोचना की गई और प्रभावित लोगों ने यह मांग की कि परमाणु-ऊर्जा विरोधी आंदोलनों के दमन को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए. तमिलनाडु के कूडनकुलम, महाराष्ट्र के जैतापुर , हरियाणा के गोरखपुर, पश्चिम बंगाल के हरिपुर, मध्य प्रदेश के चुटका , और…
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कूडानकूलम संयंत्र के खिलाफ धरने का एक वर्ष पूरा

पीपुल्स मूवमेंट एगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के बैनर तले कूडानकूलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन…

चुटका परमाणु संघर्ष तेज, राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग

मंडला जिले की हरी-भरी धरती के सुदूर इलाक़े में छोटा सा आदिवासी गांव है- चुटका। तीन साल पहले तक नारायनगंज तहसील…

परमाणु ऊर्जा पर जन-सुनवाई, 22 अगस्त, 2012,नई दिल्ली

भारत की सरकार बिलकुल अलोकतांत्रिक ढंग से परमाणु ऊर्जा का एक घातक विस्तार हम पर थोप रही है. इसके लिए लोगों के स्वास्थय तथा आजीविका पर इन परियोजनाओं के प्रभाव, भारत की वास्तविक ऊर्जा-जरूरतों, परमाणु ऊर्जा की सामाजिक तथा पर्यावरणीय कीमतों और फुकुशिमा के बाद दुनिया भर में परमाणु-ऊर्जा पर निर्भरता कम करने के चलन को भी अनदेखा किया जा रहा है. हाल…
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