संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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दिल्ली

तीन रंग वाली आज़ादी : जेएनयू, देशद्रोह और संघी हिंसा

-हिमांशु पंड्या मैं सबसे संवेदनशील मुद्दे नारे-पोस्टर-सभा पर ही बात करूंगा. उसके बहाने कई बातें आयेंगी. पहली बात, मैं अब यह दावे से कह सकता हूँ कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा वहां लगाया ही नहीं गया था.यह जी टीवी था जिसने 'भारतीय कोर्ट जिंदाबाद' को बड़ी कुशलता से टेम्परिंग के जरिये 'पाकिस्तान जिंदाबाद' में बदला और फिर जब उसमें एबीवीपी के लोग ही…
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जेएनयू के समर्थन में विशाल प्रतिरोध मार्च, गुलाब से संघी गुंडागर्दी का जवाब

नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्विविद्यालय (जेएनयू) में देशविरोधी नारेबाजी को मुद्दा बनाकर पूरे संस्थान की छवि खराब…

दीपक चौरसिया का ‘उन्माद’ और फ़ासीवाद के ख़ूनी पंजों में बदलता मीडिया !

जेएनयू में चंद सिरफिरों की नारेबाज़ी को राष्ट्रीय संकट के तौर पर पेश कर रहे न्यूज़ चैनल और अख़बार आख़िर किसका काम…

जेएनयू में बाल भी बांका न कर पाएगी शासन की बंदूक

बाबा नागार्जुन की चर्चित कविता – यह जेएनयू नवल-नवेलियों का उन्मुक्त लीला-प्रांगण यह जेएनयूअसल में कहा जाए तो कह ही डालूँ बड़ी अच्छी है यह जगह बहुत ही अच्छी और क्या कहूँ…सोचता हूँ मैं भी ले लूँ दाखिला ‘टिब्बेटियन’ लेने पर क्यों कोई एतराज करेगा डाक्टर विमला प्रसाद डाक्टर नामवर… डाक्टर मुजीब… ये सब तो रिकमेंड करेंगे ही तब नए सिरे से उपनयन…
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अदालत में संघी हिंसा, न्याय हुआ शर्मसार; यह वीडियो ज़रूर देखें

15 फ़रवरी को पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्रों के साथ पत्रकारों को भी पीटा गया जिसके विरोध में 16 फ़रवरी को…

जेएनयू से क्यों डरता है संघ परिवार – सुचेता डे

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष रही सुचेता डे ने कैम्पस पर संघी हमले के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की और 15 फ़रवरी को जेएनयू में हुई बैठक में इस हमले की व्यापक पृष्ठभूमि समझाई। यह वीडियो ज़रूर देखें -
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के विचारों में…

https://www.youtube.com/watch?v=21qExVVuhhk नई दिल्ली जेएनयू में पढ़ाई-लिखाई ठप है क्योंकि छात्र संघ के अध्यक्ष…

सरसों सत्याग्रह : जीन सरसों के विरोध में जन संगठनों का विरोध प्रदर्शन

आप को याद होगा कि किस तरह 2010 में हम सब नागरिकों ने मिल कर गैर जरूरी, अनचाही और असुरक्षित संशोधित जीन वाले (जीएम) बीटी बैगन को अपनी भोजन की थाली और अपने खेतों में आने से रोका था। तब भारत सरकार ने संशोधित जीन वाली फसलों पर रोक लगाने के लिए बहुत से ठोस कारण सामने आए थे। अब पांच साल बाद फिर से एक संशोधित जीन वाले खाद्य पदार्थो में संशोधित जीन वाली…
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