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दिल्ली
2 सितंबर को मजदूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल : समाजवादी समागम का समर्थन
समाजवादी समागम के राष्टृीय संयोजक पूर्व विधायक डॉ सुनीलम प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मजदूरों के केंद्रीय संगठनों द्वारा 2 सितंबर को राष्टृव्यापी हड़ताल के आवाहन का समर्थन करते हुए देश के समाजवादियों से बढ़-चढ़ कर आम हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि देशभर के सहमना संगठनों, विशेषकर भूमि अधिकार आंदोलन] एनएपीएम] जय किसान…
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एफटीआईआई छात्रों की जंतर मंतर पर दस्तक
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) पुणे के छात्र पिछले 53 दिनों से एफटीआईआई के अध्यक्ष पद पर…
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष : गलत नीतियों की स्वीकार्यता
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा हाल ही जारी अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि ‘‘छन कर आने वाला‘‘ (ट्रिकल…
महाजनी संस्कृति, प्रेमचंद और वर्तमान
प्रेमचंद की 135वीं जयंती पर आदियोग का आलेख;
विकास के भागते पहिये से वह चमक पैदा हुई कि आजादी की आधी सदी गुजर जाने के बावजूद लालटेन-ढ़िबरी के युग में जीने को मजबूर ग़रीब-गुरबों और मेहनत-मशक़्क़त करनेवालों की आंखें चुंधिया गयीं, निगाहों के सामने घुप्प अंधेरा छा गया। मुठ्ठी भर जमात विकास की रोशनी को अपने हरम में बंधक बना कर रखने और उसका अंधेरा…
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भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लेने की मांग तेज
भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में जन संघर्षों की जनसुनवाई भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले दिल्ली के…
भूमि अधिग्रहण अधिनियम के विरोध में जन संघर्षों की जनसुनवाई : 23 जुलाई 2015, नयी…
जन सुनवाई 23 जुलाई 2015, 10: 00 बजे
स्थान : मुक्तधारा, भाई वीर सिंह मार्ग,
गोल मार्किट के पास,
नई दिल्ली
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मोदी सरकार को शिकस्त देता भूमि अधिग्रहण का मुद्दा
“सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी।…
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मोदी के डिजिटल इंडिया का वर्तमान सच
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही अपने एक और सपने डिजिटल इंडिया को मूर्त रूप देने का उपक्रम शुरु किया है। इसकी सफलता…
ग्रीस : लोकतंत्र में गरिमा की वापसी
ग्रीक त्रासदियों के लिए विख्यात यूनान (अब ग्रीस) ने इस बार सुखांत करके सिद्ध कर दिया है कि आधुनिक लोकतंत्र के इस…
कारपोरेट हित नहीं आर्थिक न्याय चाहिए
वित्त और विकास के आपसी तालमेल की परिणिति यदि मानव कल्याण में न होकर केवल कारपोरेट लाभ के लिए होती है तो वह अर्थहीन है। लैंगिक भेदभाव से मुक्त समाज की स्थापना में आर्थिक न्याय की उपलब्धता सर्र्वोेपरि है। वैश्विक नेता इसी पखवाड़े विकास हेतु वित्तीय प्रबंधन के तरीकों पर विचारविमर्श के लिए इथोपिया के आदिसअबाबा शहर में इकट्ठा हो रहे हैं। इस सम्मेलन के…
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