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दिल्ली
कारपोरेट दलाल मोदी सरकार के ‘अध्यादेशराज’ के खिलाफ दिल्ली में गूंजी किसानों की आवाज़
24 फ़रवरी 2015 को देश के कोने-कोने से जबरिया भू-अधिग्रहण के खिलाफ 350 से भी ज्यादा जनांदोलनों के मोर्चे पर संघर्ष करते किसानों और समाजकर्मियों के कारवां ने राजधानी दिल्ली में मजबूत दस्तक दी. उड़ीसा के पोस्को से लेकर हरियाणा तक के किसानों का हुजूम जब दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचा तो राजधानी में सियासी सरगर्मियां तेज हो गईं और मोदी सरकार अपना बचाव…
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भूअर्जन अध्यादेश और कॉरपोरेट राज के खिलाफ संसद मार्च : 24 फ़रवरी 2015
भूअर्जन अध्यादेश और कॉरपोरेट राज के खिलाफ संसद मार्च
24 फ़रवरी 2015
स्थान: जंतर मंतर, नयी दिल्ली।…
किसान-मज़दूर विरोधी भू-अध्यादेश के विरोध में आंदोलन तेज, ट्रेड यूनियन और राजनीतिक…
देश के संवैधानिक ढाँचे पर हमला है भू-अधिग्रहण अध्यादेश
कंपनियों द्वारा किसानों के ज़मीनों की लूट को आसान बनाने…
काले अध्यादेशों, प्राकृतिक संपदाओं की कम्पनी लूट की खुली छूट और जन-प्रतिरोध राष्ट्रीय अधिवेशन 23-24 जनवरी 2015, नई दिल्ली
प्राकृतिक संपदा हमारा जन्म सिद्ध अधिकार हैं
जा़लिम को जो न रोके, वो शामिल है ज़ुल्म में
कातिल को जो न टोके वो कत्ल के साथ है........ ‘साहिर…
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ग्रीनपीस : प्रिया पिल्लई को दिल्ली एयरपोर्ट पर रोका
नई दिल्ली, 11 जनवरी 2015। सरकार द्वारा एक बार फिर से ग्रीनपीस के खिलाफ कठोर नीति अपनाने की घटना सामने आयी है। आज…
पी. साइनाथ, परी और गांव-गिरांव की बातें !
पीपॅल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया (परी) आम लोगों की रोज़मर्रा की जि़ंदगी का एक जीवन्त रोजनामचा है और इसे रिकॉर्ड करने का एक लेखागार भी है। यह काम कई मामलों में इस धरती के सबसे जटिल और विविध हिस्से में किया जाना है. ग्रामीण भारत में, जहां 83.3 करोड़ इंसान बसते हैं, 780 जि़ंदा भाषाएं हैं, बहुविध संस्कृतियां हैं और अद्वितीय किस्म की पेशागत…
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भू-अधिग्रहण अध्यादेश को रद्द कराने के लिए देश भर में होगा किसान आंदोलन : डॉ सुनीलम
भूमि अधिग्रहण का अध्यादेश भाजपा का किसानों के प्रति रुख को साफ़ करता है !
अध्यादेश की प्रति मिलते ही यह बिलकुल…
महिला नसबंदी : औरतों के शरीर पर हमला
भारत में परिवार नियोजन की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर थोप दी गई है। नसबंदी कराने वालों में से 98 प्रतिशत महिलाएं ही…
प्राकृतिक संसाधनों की कारपोरेट लूट के खिलाफ़ : वन-जन अधिकार रैली
गुजरी 15 दिसम्बर को 'वनाधिकार कानून 2006' को पारित हुए 8 वर्ष हो गए लेकिन इस कानून को अभी तक देश में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया है। केन्द्र में मोदी सरकार ने सत्तासीन होते ही देश की प्राकृतिक संसाधनों को कारपोरेट घरानों को औने पौने भावों में बेचने का ऐलान कर दिया है । इस सरकार-कम्पनी गठजोड़ के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करने व…
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