संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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दिल्ली

वाह री सरकार ! कारपोरेट हित में विदेशी निवेश को बढ़ावा, जनहित में विदेशी अनुदान पर ताला

'इंसाफ' इस देश में जल जंगल ज़मीन को लेकर चल रहे आन्दोलनों को मजबूत करने वाला एक साहसिक संगठन रहा है जिस पर 30.04.2013को सरकारी दबिश हुई और इसका बैंक अकाउंट फ्रीज़ कर दिया गया है. हाल में एडीबी के विरोध में मोर्चा लेने के क्रम में यह दमन सामने आया है. यहां इंसाफ का खाता दोबारा चालू होना और उसके एफसीआरए पर लगी बंदिश का हटाया जाना उतना प्राथमिक नहीं…
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प्रतिरोध की आवाज़ ‘इन्साफ’ पर सरकार का निरंकुश हमला: चितरंजन सिंह

जल, जंगल ज़मीन की लड़ाइयों और लोकतंत्र तथा धर्मनिरपेक्षता के संघर्ष को वर्षों से मजबूत करने वाले संगठन 'इन्साफ'…

कला पर बंदिश के खिलाफ उठी आवाजें

झूठे मुकदमे में फंसाए गए ‘कबीर कला मंच’ की कलाकारों की रिहाई की मांग को लेकर 2 मई को श्रीराम सेंटर-मंडी हाउस से संगवारी, संगठन, द ग्रुप (जन संस्कृति मंच) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के बैनर तले दिल्ली के साहित्यकार-संस्कृतिकर्मियों, गायकों, चित्रकारों, फिल्मकारों, रंगकर्मियों, गायकों, पत्रकारों, छात्रों और बुद्धिजीवियों ने एक…
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वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में गरम रोला फैक्टरियों के मजदूरों का जुझारू संघर्ष

दिल्ली के वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में गरम रोला मशीन वाली सभी 26 फैक्ट्रियों के लगभग 1000 मजदूर 10 अप्रैल से गरम रोला मजदूर एकता कमेटी के नेतृत्व में अपने श्रम अधिकारों के लिए अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी। मील मालिकों ने मजदूरों की हड़ताल से बोखला कर उन्हें पुलिस से प्रताड़ित करवाया, काम से निकलने की धमकी दी परंतु मजदूरों की एकता के बल पर 16…
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मॉरीशस मार्ग और देश की लूट: विदेशी पूंजी की बंधक एक सरकार

इस् बार देश के संसाधनों की लूट् के लिए कोई वास्कोडिगामा भारत नहीं आया. हिंद महासागर में स्थित एक छोटा सा…

कटवरिया सराय के रेहड़ी-पटरी दुकनदारों पर पुलिसिया दमन

होली पर्व से पहले लोग खुशियों से लबरेज होते हैं, काफी दिन पहले से ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लगे…

ईंट भट्टा मजदूरों पर एक नजर

ईंट भट्टा मजदूरों की आपात स्थिति को उजागर करता सुनील का महत्वपूर्ण आलेख; जहां उद्योग लगते हैं उस इलाके में माल के आवागमन के लिए रोड, बाजार का विकास होता है। एक ऐसा भी उद्योग है जहां सड़क के नाम पर सिर्फ पगंडडी होती है, बाजार 3-4 कि.मी. की दूरी पर होता है। जहां ये मजदूर अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए 15 दिन पर जाकर खरीददारी कर पाते हैं। इस…
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