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मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश सरकार का ग्राम सभाओं को कमजोर करना आदिवासियों के संवैधानिक मूल्यों का हनन है
केन्द्रीय पेसा कानून, न्यायालयों के आदेश और संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं के अधिकारों को कमजोर करने के उद्देश्य से पेसा कानून के तहत वन भूमि, न्याय संबंधित कानूनों में संशोधन न करके ग्रामसभाओं को कमजोर ही किया है।
ब्रिटिश सरकार के शिकंजे से जो आदिवासी समाज मुक्त रहा उसे आजादी के बाद…
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मध्य प्रदेश : बगैर पर्यावरण स्वीकृति के बना दिया आंवलिया बांध, डूबा दीं सैकड़ों…
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आंवलिया परियोजना की अर्जी का प्रकरण बंद
बांध का काम रुका
बिना पर्यावरणीय मंजूरी के किया…
मध्य प्रदेश : आदिवासी मजदूरों के साथ हो रही बेगारी, हिंसा एवं यौन शोषण के विरोध…
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में जागृत आदिवासी दलित संगठन द्वारा 24 फरवरी 2022 को आदिवासियों से बेगारी करवाने एवं…
बंधुआ मजदूरी में धकेले जा रहे हैं मध्य प्रदेश के युवा आदिवासी
बंधुआ मजदूरी में धकेले जा रहे हैं मध्य प्रदेश के युवा आदिवासी;
मध्य प्रदेश सरकार की उदासीनता का फायदा उठा रहे महाराष्ट्र– कर्नाटक के ठेकेदार एवं शक्कर फ़ैक्टरियों के मालिक;
सिर्फ 2 हफ्तों में महाराष्ट्र और कर्नाटक में 250 से ज्यादा आदिवासियों के बंधुआ मजदूरी में फंसे होने की शिकायतें;
जागृत आदिवासी दलित संगठन के प्रयासों से शनिवार तक सभी मजदूरों…
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मध्य प्रदेश : मुलताई पुलिस गोलीकांड के 24 वर्ष बाद भी जारी है किसान आंदोलन
12 जनवरी, 1998 का दिन किसानों की स्मृति में अमिट छाप छोड़ गया क्योंकि इस दिन मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने…
मध्य प्रदेश : ‘पेसा’ से उलट ‘पेसा’ के नियम
मध्य प्रदेश सरकार को करीब ढाई दशक पहले संसद में पारित ‘पेसा कानून’ की अब जाकर सुध आई है। पांच महीने पहले ‘पेसा’ के…
मध्य प्रदेश : सरदार सरोवर परियोजना से विस्थापित ढाई सौ गांवों की आबादी आज भी अपने ‘पूर्ण-पुनर्वास’ की बाट जोह रही है
करीब आधी सदी में पूंजी और इंसानों के ढेरों संसाधन लगाकर पश्चिमी मध्यप्रदेश में ‘सरदार सरोवर जल-विद्युत परियोजना’ खडी तो कर ली गई है, गाहे-बगाहे उसके गुणगान भी किए जाते हैं, लेकिन उसकी चपेट में आई ढाई सौ गांवों की आबादी आज भी अपने ‘पूर्ण-पुनर्वास’ की बाट जोह रही है। प्रस्तुत है, हाल में उस इलाके की यात्रा करके लौटे आदर्श शर्मा की यह रिपोर्ट;…
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मध्य प्रदेश : बार-बार विस्थापन से मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक रूप से टूट रहे…
"जल, जंगल, जमीन ही हमारी सम्पत्ति है। सरकार हमें विस्थापित कर हमारी संस्कृति को ही खत्म कर देना चाहती है। यह तो…
मध्य प्रदेश में पेसा कानून का क्रियान्वयन : जहाँ 25 साल बाद नियम तक नहीं बने !
मध्य प्रदेश के कुल भू -भाग का 22.07 प्रतिशत (68 हजार वर्ग किलोमीटर) अनुसूचित क्षेत्र है जो संविधान के अनुच्छेद…
मध्य प्रदेश सरकार बना रही 11 नए अभयारण्य : हजारों आदिवासियों पर विस्थापन का खतरा
मध्यप्रदेश का वन विभाग 11 नए अभयारण्य और रातापानी को टाईगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। राज्य के 9 बङे उद्यान और 25 अभयारण्य हैं जो कि 11893 वर्ग किलोमीटर अर्थात 11 लाख 89 हजार 300 हेक्टेयर में फैला हुआ है। 11 नए अभयारण्य से 2163 वर्ग किलोमीटर अर्थात 2 लाख 16 हजार 300 हेक्टेयर संरक्षित क्षेत्र को शामिल कर लिया जाएगा। प्रदेश में…
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