संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

नगड़ी के रैयतों को न्याय कौन देगा?

नगड़ी के भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन पर ग्लैडसन डुंगडुंग कि एक रिपोर्ट :-झारखण्ड एक विशिष्ट राज्य है, जहां 32 विभिन्न तरह के आदिवासी समुदाय निवास करते हैं, जिनकी अपनी अद्भूत संस्कृति है। उनकी संस्कृति, आजीविका एवं अस्तित्व प्राकृतिक संसाधनों - जल, जंगल और जमीन पर आधारित है। छोटानागपुर काश्तकारी…
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राज्य-दमन के खिलाफ मानवाधिकार संगठनों का साझा संघर्ष

को-ऑर्डिनेशन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (सीडीआरओ) के द्वारा7 सितम्बर 2012 को प्रातः 11 बजे, मंडी हाउस से…

करछना में किसानों की महापंचायत : जमीन नहीं देने का सकल्प दोहराया

इलाहाबाद के करछना तहसील के दस गाँवों के किसान 22 अगस्त को अपनी खेती की जमीन बचाने और पुलिल दमन के विरोध में…

परमाणु-ऊर्जा पर जन-सुनवाई: आमलोगों ने किया विनाश और दमन का विरोध

22 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित परमाणु ऊर्जा पर जन-सुनवाई में सरकार की परमाणु ऊर्जा नीति की आलोचना की गई और प्रभावित लोगों ने यह मांग की कि परमाणु-ऊर्जा विरोधी आंदोलनों के दमन को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए. तमिलनाडु के कूडनकुलम, महाराष्ट्र के जैतापुर , हरियाणा के गोरखपुर, पश्चिम बंगाल के हरिपुर, मध्य प्रदेश के चुटका , और…
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कूडानकूलम संयंत्र के खिलाफ धरने का एक वर्ष पूरा

पीपुल्स मूवमेंट एगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी के बैनर तले कूडानकूलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन…

चुटका परमाणु संघर्ष तेज, राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग

मंडला जिले की हरी-भरी धरती के सुदूर इलाक़े में छोटा सा आदिवासी गांव है- चुटका। तीन साल पहले तक नारायनगंज तहसील…

आखिर नगड़ी के दर्द को कौन समझेगा ?

झारखण्ड की राजधानी रांची से सटे कांके थानान्तर्गत एक आदिवासी बहुल गांव है जिसका नाम नगड़ी। इस गांव की 227 एकड़ जमीन राज्य सरकार ने बंदूक के बल पर छीनकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटि, आई.आई.आई.टी एवं आई.आई.एम. बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी । सरकार ने सैंकड़ों पुलिस फोर्स को खेत में उतार कर चारदिवारी का काम प्ररंम्भ किया । 9 जनवरी 2012 के बाद ग्रामीणों को…
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जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ लखनऊ में सात दिवसीय साझा दस्तक

इक़बालिया बयान पूरे होशो-हवास में और बिना किसी दबाव के हम एलान करते हैं कि हां, हम भी देशद्रोही हैं और हमें इस पर गर्व है। सरकार चाहे तो हमें गिरफ़्तार करे, जेल में ठूंसें, मुक़दमा ठोंके और जज साहेबान बामशक़्क़्त उम्र क़ैद की सज़ा सुनायें। साथियों, हम सफ़ाई नहीं देना चाहते। जिरह करना चाहते हैं कि यह देश आख़िर किसका है? कारपोरेट घरानों…
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