कोयला सत्याग्रह: ज़मीन हमारी तो कोयला भी हमारा
रायगढ़ के तमनार ब्लाक के कोई आठ सौ किसानों ने गांधी जयंती के मौक़े पर राष्ट्रपिता को अनूठे ढंग से याद किया, गुज़री 2 अक्टूबर को जैसे 12 मार्च 1930 का ऐतिहासिक दिन ज़िंदा कर दिया। गांधी जी ने उस दिन साबरमती आश्रम से अपने अनुयायियों के साथ जुलूस की शक़्ल में निकल कर मुठ्ठी भर नमक बनाया था। यह नमक क़ानून तोड़ो आंदोलन के नाम से इतिहास के पन्नों में दर्ज़ हुआ। यह जन कार्रवाई नमक के उत्पादन और बिक्री से संबंधित क़ानून को अस्वीकार करने और नमक़ पर आम लोगों का हक़ जताने के लिए थी।