संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

कार्यवाहियाँ पूर्व निर्धारित फिर भी जारी है जन सुनवाइयों की नौटंकी

पर्यावरण विभाग की जांच संदेह के घेरे में। कोल वाशरी की बोलती तस्वीरें। मामला ‘‘जिंदल कोल वाशरी’’ जन सुनवाई का   छत्तीसगढ़ प्रदेश के भ्रष्टतम पर्यावरण विभाग द्वारा फरवरी 2007 में जिंदल को रायगढ़ में कोल वाशरी निर्माण की स्वीकृति इस शर्त के साथ दी गयी थी कि 30 जून 2007 के पूर्व केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से विधिवत अनुमति लेनी होगी…
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पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे के ख़िलाफ़ बढ़ता जनाक्रोश

केवल उत्तर प्रदेश में ही गंगा एक्सप्रेस-वे के पहले चरण के कारण घट जाएगा हजारों एकड़ कृषि योग्य उपजाऊ भूमि का रकबा तथा प्रतिवर्ष 50 लाख कुंतल अनाज का उत्पादन   गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के ख़िलाफ़ कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों ने जनवरी, फरवरी माह में विभिन्न गतिविधियां कीं। मोर्चा के बैनर तले नोएडा से…
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नेशनल हिल्स पार्क : 37 गांवों के वाशिंदों को हटाकर जानवरों को बसाने का फरमान

राजस्थान के चित्तौड़गढ जिले के ब्लॉक भैसरोडगढ में राजस्थान सरकार ने तीन ग्राम पंचायतों के 37 गांवों के वाशिंदों…

जन सुनवाई का नाटक : जन विरोध को दबाने के लिए आँसू गैस, लाठी, गोली का इस्तेमाल

रायगढ़ के दर्रामुंडा के लोग नहीं चाहते थे कि कोई कंपनी उनके इलाक़े में डेरा डाले और उन्हें कहीं का न छोड़े…

मित्तल को अब चाहिए बोकारो में जमीन विरोध में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच ने कसी कमर

झारखण्ड सरकार ने अगस्त 2005 में मित्तल कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे। इस एमओयू के आधार पर कंपनी 12,000 हेक्टेयर भूमि हथियाना चाहती थी। इस भूमि पर कंपनी आयरन ओर की माइनिंग, कोल ब्लाक, टाउनशिप, एसईजेड, आवागमन के लिए सड़क मार्ग, कच्चा माल तथा तैयार माल बाहर भेजने के लिए रेलवे मार्ग, पानी के लिए डैम जैसी बुनियादी सुविधायें जुटाना चाहती थी।…
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पर्यावरण, नदी, पहाड़ बचाने का संकल्प : विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को रैली एवं जनसभा…

जब पहाड़ टूटता है-तब सिर्फ मिट्टी, पत्थर-कंकड़, बालू, पेड़-पौधे ही नहीं गिरते हैं वरन नष्ट होता है वहां का समाज, उस…

पोस्को विरोधी धरने पर किये गये पुलिसिया हमले के खिलाफ 6 राजनीतिक दल पी.पी.एस.एस.…

पोस्को कम्पनी की स्थापना के लिए चुने गये तीन ग्राम पंचायतों- ढिंकिया, नुआगांव तथा गढ़कुजंग के प्रवेश द्वार बालिटुडा…

सम्पादकीय : अगस्त 2010

आज भू-बाजारीकरण का पहिया तेजी के साथ गति पकड़ चुका है तथा उदारीकरण दुधारी तलवार की तरह कुछ मुट्ठीभर लोगों को बेहतर तथा पूंजी एवं संसाधनों के केन्द्रीकरण का इस्तेमाल ‘सात समुंदर पार’ की ताकतों द्वारा तथाकथित राष्ट्रीय ताकतों के गठजोड़ से किया जा रहा है। फलतः इसके विरोध-प्रतिरोध में अपने जीवन, जीविका, जल, जंगल, जमीन की हिफाज़त के लिए दोटे एवं बड़े जन…
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